राज्य ब्यूरो, रांची। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर मनरेगा को कमजोर कर ग्रामीण जनता से रोजगार की गारंटी छीनने का आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के. राजू ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिन के रोजगार की जो संवैधानिक गारंटी थी, उसे नए विधेयक में समाप्त कर दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि पहले यह तय करने का अधिकार ग्रामीण मजदूरों के हाथ में था कि किस गांव में काम होगा, लेकिन अब यह फैसला केंद्र सरकार करेगी। मनरेगा में जहां पहले केंद्र सरकार 90 प्रतिशत फंड देती थी, वहीं अब सिर्फ 60 प्रतिशत राशि भी चुनिंदा क्षेत्रों में ही दी जाएगी। इससे गरीब राज्यों में मनरेगा के तहत मिलने वाला रोजगार स्वतः समाप्त हो जाएगा।
के. राजू ने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने वाली इस योजना का नाम बदलकर गांधी जी के नाम को भी खत्म करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आत्मा थी, जिसे कुचल दिया गया है।
कोविड काल में इस योजना ने लाखों लोगों को रोजगार देकर जीवन रक्षक की भूमिका निभाई थी। मनरेगा को समाप्त कर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ को कमजोर किया जा रहा है। कांग्रेस 21 दिसंबर से जिला स्तर पर इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।
व्यापक पैमाने पर स्थापना दिवस मनाने की तैयारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर पंचायत बूथ और प्रखंड स्तर पर कार्यालयों में झंडा फहराया जाएगा। संगठन सृजन अभियान झारखंड में अंतिम चरण में है। हर ग्राम पंचायत में 12 सदस्यीय कमेटी बनेगी और प्रत्येक माह पंचायत व प्रखंड स्तर पर बैठकें होंगी।
बीएलए की नियुक्ति के बाद उनके प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 1100 म्युनिसिपल वार्ड का गठन भी अंतिम चरण में है और 17 जनवरी के बाद सभी प्रखंडों में संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संवाददाता सम्मेलन में सह प्रभारी सीरीबेला प्रसाद, भूपेंद्र मारावी, सुबोध कांत सहाय, बंधु तिर्की, शहजादा अनवर, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुजनी, सोनाल शांति और रमा खलको सहित अन्य नेता उपस्थित थे। |