जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना एक्सप्रेस वे पर मंगलवार को हुई दुर्घटना में 19 मौतों के लिए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के अधिकारी ही सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। एक जांच टीम ने पाया है कि जहां दुर्घटना हुई वहां ब्लैक स्पाट था। इसके बावजूद सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए। सड़क पर पेंटिंग दूर-दूर तक नहीं की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
घने कोहरे में रिफ्लेक्टर नहीं दिखते, फिर भी रोड पर लाइट और अत्यधिक जरूरी कैट आइ नहीं लगाईं। सड़क के घुमावदार होने के संकेतक कोहरे में दिखाई नहीं देते। यहां सड़क भी नीची बनाई गई है। यमुना एक्सप्रेसवे पर सुबह चार बजे से ही शुक्रवार को जांच टीमों का पहुंचना प्रारंभ हो गया था। एक के बाद एक टीम पहुंचीं। आगरा के उप परिवहन आयुक्त विदिशा सिंह और आगरा के आरटीओ अखिलेश द्विवेदी की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर प्रारंभिक रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को भेज दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, हादसा स्थल पर प्रकाश व्यवस्था नहीं थी। ब्लैक स्पाट पर पूर्व में भी हादसे हुए, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए। यहां सड़क नीची और घुमावदार है। ऐसे में पर्याप्त संकेतक होने चाहिए थे। कोहरे में दूर लगे साइनेज बोर्ड दिखाई नहीं दे रहे थे। वहां पर रोड इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों से अध्ययन की जरूरत भी बताई है। इससे दीर्घकालिक सुधार किया जा सके। प्रत्यक्षदर्शियों ने जांच टीम को बताया कि माइल स्टोन 127-128 पर दृश्यता शून्य थी।
पहले कम था कोहरा
इससे पहले कोहरा कम था। ऐसे में वाहन चालकों को गति कम करने का मौका नहीं मिला।हरियाणा के मानेसर स्थित इंस्टीट्यूट आफ रोड सेफ्टी की पांच सदस्यीय टीम शुक्रवार सुबह चार बजे ही सड़क पर थी। करीब डेढ़ घंटे तक टीम के इंजीनियरिंग विभाग के एडमिनिस्ट्रेशन हेड मनोज विष्ट और त्रिलोकी सिंह ने वाहनों की आवाजाही चेक की। डेढ़ घंटे तक स्थिति देखने के बाद टीम दो बार फिर पहुंची। एक्सप्रेसवे से गुजरने वाली सात बसों को रोककर चेक किया।
मेजरिंग व्हील से सड़क की जांच की। यहां का मैप बनाया। घटनास्थल से यमुना की दूरी चेक की। फिर शाम को एनजीओ सेव लाइफ फाउंडेशन टीम ने भी आसपास के ग्रामीणों से बातचीत की। विशेष स्प्रे डालकर जहां पर वाहन क्षतिग्रस्त हुए, वह स्थल देखा। इसके बाद चालकों के लाइसेंस आदि के बारे में पुलिस से जानकारी की।सीसीटीवी कैमरे और सफेद पट्टी तक नहींडीएम की ओर से गठित टीम की जांच पूरी हो गई है। टीम के अनुसार, मानकों के अनुरूप पेंटिंग तक नहीं है। कई-कई किमी. तक चेतावनी बोर्ड भी नहीं दिखे।
नोएडा से आगरा की एक लेन पर बड़े पैच पर सफेद पट्टी तक नहीं है। एक्सप्रेसवे के संवेदनशील बिंदुओं, कट, अंडरपास और ब्लैक स्पाट पर सीसीटीवी होने चाहिए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में तुरंत निगरानी और कार्रवाई हो सके। एक्सप्रेसवे पर दिशा सूचक, गति सीमा, मोड़, कट और आपातकालीन सूचना देने वाले बोर्ड बेहद जरूरी होते हैं, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।घ
टनास्थल पर क्यों था घना कोहरा
जिस स्थान पर हादसा हुआ है, वहां से थोड़ी दूरी पर यमुना का बहाव है। यहां नदी का कर्व भी एक्सप्रेसवे की ओर है। घटना वाली रात कोहरा बहुत अधिक नहीं था, लेकिन घटनास्थल से कुछ किमी दूर यमुना होने के कारण यहां ज्यादा कोहरा था। आशंका है कि यह कोहरा हादसे का कारण बना है। यमुना एक्सप्रेसवे का यह हिस्सा करीब 500 मीटर का है, जहां पर पूर्व में कई हादसे हुए हैं। |