बलवंत सिंह राजोआना। (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। वीर बादल दिवस का नाम साहिबजादे शहदात दिवस करवाने की मांग संसद में उठाने के लिए जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की तरफ से सांसदों को लिखे गए खत का खालिस्तान समर्थक व पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या क दोषी बलवंत सिंह राजोआना ने विरोध किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बलवंत सिंह राजोआना ने श्री अकाल तख्त साहिब को खत लिखा है। जिसमें उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब की गरिमा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। बलवंत सिंह राजोआना ने खत में लिखा- श्री अकाल तख्त साहिब ने वीर बाल दिवस का नाम साहिबजादे शहादत दिवस करवाने के लिए पंजाब के सांसदों को खत लिखा है, ताकि ये मुद्दा सदन में उठाया जा सके।
लेकिन ये सवाल उनके मन में उबाल पैदा कर रहा है। वे सत्कार सहित पूछना चाहते हैं कि श्री अकाल तख्त साहिब की आवाज इतनी कमजोर और बेबस हो गई है, जो ये देश के हुक्मरानों तक भी नहीं पहुंचती।
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ये खत तख्त की अहमियत कम करने वाला
उन्होंने आगे लिखा- श्री अकाल तख्त साहिब का कोई चिट्ठी लिखे ये तो समझ आता है, लेकिन सांसदों को खत लिख आवाज सांसद में उठाने के लिए कहना श्री अकाल तख्त साहिब की अहमियत को कम करने वाला है। जिन सांसदों को जत्थेदार की तरफ से चिट्ठी लिखी गई है, उनमें से 7 कांग्रेस के हैं।
जिन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब पर टैंक व तोपों के साथ हमला किया। हजारों निर्दोष नौजवानों, सिखों व बहनों को मारा। पंजाब की धरती पर 25 हजार सिख नौजवानों का कत्लेआम करने वाली पार्टी के खिलाफ तो श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से हुक्मनामा जारी होना चाहिए था।
ये चिट्ठी शहीदों का अपमान
ये चिट्ठी उन शहीदों का अपमान है जो इनके जुल्म से लड़ते हुए शहीद हुए। इन कांग्रेस नेताओं के जुल्म के कारण ही हम 30 सालों से जेल में और 19 सालों से फांसी की सजा के पूरे होने के इंतजार में बैठे हैं। राजाओना ने सवाल उठाया कि जत्थेदार साहिबजादों का नाम बदलने के लिए सिखों पर जुल्म करने वाली ताकतों से मदद मांग रहे हो।
ये कोशिश श्री अकाल तख्त साहिब को गिराने वाली ताकतों को पंथ के सेवादार का सर्टिफिकेट देने की कोशिश है।
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राजोआना ने दिया सुझाव
राजोआना ने सुझाव दिया है कि अगर वीर बाल दिवस नाम पर अगर श्री अकाल तख्त साहिब को ऐतराज है और भेजे गए सुझावों पर केंद्र सरकार गौर नहीं कर रही तो आदेश जारी करें कि खालसा पंथ वीर बाल दिवस के नाम पर होने वाले किसी भी समागम में भाग नहीं लेगा।
श्री अकाल तख्त साहिब को किसी भी जुल्म ढाने वालों की जरूरत नहीं है। संस्थाएं वहां से लिए गए फैसलों से महान बनती है। ऐसे दूसरों के कंधों पर रख कर तीर चलाने वालों की बजाए खुद हस कार्य की अगुवाई करनी चाहिए।
जानें क्या है विवाद
श्री अकाल तख्त साहिब ने केंद्र सरकार से वीर बाल दिवस (26 दिसंबर) का नाम बदलकर साहिबजादे शहादत दिवस करने की लगातार मांग की है। जत्थेदार ज्ञानी गड़गज सिंह ने सिख सांसदों को पत्र लिखा कि यह नाम सिख मर्यादा, इतिहास और गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की शहादत को सही सम्मान नहीं देता। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी इसका समर्थन किया है। पंजाब सांसदों ने पीएम को पत्र भेजे हैं। लेकिन, केंद्र से अभी फैसला नहीं आया है।
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