Paush Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को \“पुत्रदा एकादशी\“ के नाम से जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही साफ है, यह एकादशी संतान की कामना के लिए किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 30 दिसंबर (Paush Putrada Ekadashi 2025) को रखा जाएगा। वहीं, एकादशी का व्रत जितना फलदायी है, इसके नियम उतने ही कठिन हैं। आइए इस आर्टिकल में व्रत के नियम जानते हैं, जो इस प्रकार हैं - विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुत्रदा एकादशी पर क्या खाएं? (Paush Putrada Ekadashi 2025 Vrat Dos)
- इस व्रत में केला, अंगूर, सेब और अनार जैसे ताजे फलों का सेवन किया जा सकता है।
- बादाम, काजू, पिस्ता और अखरोट आदि को भी ऊर्जा बनाए रखने के लिए किया जा सकता है।
- दूध, दही और पनीर का भी सेवन किया जा सकता है।
- व्रत के दौरान कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा या साबूदाना से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं।
- व्रत के भोजन में साधारण नमक की जगह केवल सेंधा नमक का ही प्रयोग करें।
क्या न खाएं? (Paush Putrada Ekadashi 2025 Vrat Don\“ts)
- इस दिन चावल का सेवन गलती से भी न करें।
- प्याज, लहसुन और मांस-मदिरा आदि से दूरी बनाए रखें।
- व्रत के दौरान शहद और सुपारी का सेवन भी वर्जित माना गया है।
- बाहर के पैकेट की चीजों व होटलों के खाने से बचें।
व्रत के नियम (Paush Putrada Ekadashi 2025 Vrat Niyam)
- व्रत के दिन पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें और किसी की निंदा या बुराई न करें।
- क्रोध पर नियंत्रण रखें।
- एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
- पूजा के लिए एक दिन पहले ही पत्ते तोड़कर रख लें।
- हो पाए तो एकादशी की रात को सोएं नहीं, बल्कि भजन-कीर्तन करें।
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