7.60 लाख लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड का इंतजार।
संवाद सूत्र, बाराबंकी। गरीबों के दर्द का मरहम बन रही आयुष्मान कार्ड योजना से अभी भी 7.60 लाख लाभार्थी वंचित हैं। योजना के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। लाभार्थी आयुष्मान कार्ड बनवाने में दिलचस्पी कम ले रहे हैं। गंभीर बीमारी की दशा में लाभार्थी आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए दौड़ लगाते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, जन सेवा केंद्र व पंचायत भवन पर आयुष्मान कार्ड शिविर लग रहे हैं, फिर भी शिविर में लोग नहीं पहुंच रहे हैं।
इस समय आयुष्मान कार्ड बनाने का एक माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। शत-प्रतिशत लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाकर उन्हें मुफ्त चिकित्सा सुविधा का लाभ देने के उद्देश्य से जिले में 100 से अधिक स्थानों पर कैंप लगाकर 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक एक माह का विशेष अभियान चल रहा है।
अभियान में 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के साथ ही अति निर्धन लोगों को वरीयता दिया जा रहा है। कैंपों पर उम्मीद के मुताबिक कम संख्या में लाभार्थी पहुंच रहे हैं।
वर्ष 2018 से शुरू हुई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकार ने 70 प्लस सभी वरिष्ठ नागरिकों को योजना से जोड़ दिया है। इससे योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ गई। जिले में 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 54 हजार 623 हैं। 16 हजार 972 के आयुष्मान कार्ड ही बने हैं।
वहीं अति निर्धन की श्रेणी में आने वाले 13 हजार 882 परिवारों के 59 हजार 819 लाभार्थियों में से 36 हजार 447 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। दाेनों श्रेणियों के कुल 50 हजार से अधिक लाभार्थियों के कार्ड बनना अभी बाकी हैं।
इसी प्रकार 17 लाख 22 हजार 462 लाभार्थियों में से 10 लाख 16 हजार 432 लाभार्थियों के कार्ड बन चुके हैं। अभी भी सात लाख 60 हजार से अधिक पात्रों का आयुष्मान कार्ड बनना बाकी है।
- लाभार्थी - 17, 22, 462
- लाभार्थी परिवार - 3, 83, 606
- आयुष्मान कार्ड धारक - 10, 16, 432
- आयुष्मान से लाभांवित परिवार - 2, 46, 706
- आयुष्मान से आच्छादित राजकीय चिकित्सालय - 22
- निजी चिकित्सालय - 25
- उपचारित मरीज - 90 हजार
- उपचार के लिए जारी धनराशि - 162 करोड़
लोगों में आम धारणा हैं कि बीमार पड़ेंगे तो कार्ड बनवा लेंगे। इस धारणा को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। आशा, एएनएम सहित स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब घर-घर जाकर लाभार्थियों के न केवल आयुष्मान कार्ड बना रही हैं, बल्कि लोगों को जागरूक कर रही हैं। शिविरों में नित्य औसतन 800 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। -डॉ. डीके श्रीवास्तव, एसीएमओ व नोडल अधिकारी आयुष्मान। |