सदर अस्पताल के ओपीडी में दूसरे शिफ्ट में नहीं रहते डाक्टर। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, मधुबनी। सदर अस्पताल के ओपीडी के दूसरे शिफ्ट में डाक्टर के गायब होने का सिलसिला जारी है। निर्धारित समय तक डाक्टर नहीं रहते हैं समय से पूर्व ही डाक्टर चले जाते हैं। मालूम हो कि अस्पताल के ओपीडी के दूसरे शिफ्ट में मार्च से अक्टूबर तक के समय में अपराहन 4 से 6 बजे तक था, जबकि नवंबर से फरवरी तक अपराहन 3 से 5 बजे तक मरीज के इलाज के लिए डाक्टर के बैठने को लेकर समय निर्धारित किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बाबजूद दूसरे शिफ्ट में डाक्टर निर्धारित समय तक बैठे नजर नहीं आते है। अधिकांश डाक्टर गायब रहते है। इस कारण प्रतिदिन मरीज़ों को परेशानी झेलना पड़ रह है। सूचना के बावजूद अस्पताल प्रशासन व्यवस्था में सुधार लाने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं कर रही है।
वहीं ओपीडी के पैथोलाजी विभाग में पिछले करीब 25 दिनों से सीबीसी मशीन खराब है, जिसे अबतक सही नहीं किया गया है, इस बीच जांच करने आए मरीज को सीबीसी जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस कारण मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट जाते हैं।
मालूम हो कि कहीं समय से डाक्टर नही रहते है तो कही इलाज का जांच मशीन ही खराब है। इलाज कराने आए मरीजों ने बताया कि ओपीडी के दूसरे शिफ्ट में डाक्टर कब आते और चले जाते हैं इसका कोई समय नहीं है। गुरुवार को भी 4:00 के बाद ओपीडी में कोई डाक्टर नहीं मिले। इस बीच कई मरीज को भटकते देखा गया।
वही इस संबंध में एक मरीज की ओर से डीएस को फोन से जानकारी भी दिया गया, लेकिन उसे कोई लाभ नही मिला। पैथोलाजी विभाग के प्रभारी कुणाल कौशल ने बताया कि सीबीसी मशीन पुराना होने के कारण बराबर खराब हो जाता है इस संबंध में मशीन ठीक करने व नई मशीन उपलब्ध कराने को लेकर पत्र दिया गया है बावजूद अभीतक ना तो मशीन ठीक हुई है और ना ही नया मशीन दिया गया। इस कारण सीबीसी जांच नही हो रहा है।
जांच करने आए इंजीनियर की ओर से भी रिमार्क कर मशीन खराब होने के कारण नए मशीन लगाने की बात कही गई। पूछने पर सिविल सर्जन डाक्टर हरेंद्र कुमार ने बताया कि इस संबंध में हेल्थ मैनेजर व अधीक्षक को नियमित रूप से सभी विभाग में प्रतिदिन डाक्टरों की ड्यूटी लगाने व पैथोलाजी विभाग में खराब सीबीसी मशीन को अभिलंब ठीक कराते हुए नई मशीन की खरीद की मांग को लेकर विभाग को पत्र लिखने का निर्देश दिया गया है।
वही, डॉक्टरों के छुट्टी में होने पर वैकल्पिक अन्य डॉक्टर को ड्यूटी बांटने को लेकर निर्देशित किया गया। अगर आगे इस तरह का शिकायत मिलता है तो अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई को लेकर पत्र लिखा जाएगा।
वही, इलाज कराने आए मरीजों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन के लचर व्यवस्था के कारण प्रतिदिन मरीज़ों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसे अभिलंब अस्पताल प्रशासन के सीनियर पदाधिकारी को कार्रवाई करने की जरूरत है।
जिला में आयुष चिकित्सकों की हुई बहाली, 20 दिसंबर तक देना है योगदान
बिहार हेल्थ सोसाइटी की ओर से आयुष चिकित्सकों की बहाली की गई है। इस दौरान ज़िला में आरबीएस राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में 25 डाक्टर व मेन स्ट्रीम एपीएचसी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 42 डाक्टर को नियुक्त किया गया है।
इस दौरान आरबीएस में स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों का स्वास्थ्य जांच करेंगे। वही, मेन स्ट्रीम में एपीएचसी में ओपीडी का संचालन करेंगे। वही, बेहतर इलाज को लेकर जरूरत होने पर सदर अस्पताल को रेफर किया जाएगा। विभाग के निर्देश के अनुसार नियुक्त सभी डॉक्टर को 20 दिसंबर तक ज्वाइन कर लेना है। इन डाक्टर के बहाली होने से लोगों को इलाज में काफी लाभ मिलेगा। |