राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला में चिकित्सकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति के निर्देश अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य अमित कुमार घोष ने दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों की स्वयं निगरानी करें।
स्वास्थ्य सेवाओं में शिकायतें और कमियां वाले जिलों के सीएमओ और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) जल्द से जल्द व्यवस्था सुधारें। वो बुधवार को अयोध्या, प्रयागराज और देवीपाटन मंडल में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा कर रहे थे।
अपर मुख्य सचिव ने बुधवार को अयोध्या में हुई समीक्षा बैठक में कहा कि स्वास्थ्य इकाइयों में महिला और पुरुष शौचालय अलग-अलग, सिटीजन चार्टर, शिकायत पेटिका, स्वच्छ पेय जल, निर्बाध विद्युत आपूर्ति और मिनी स्किल लैब की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके अलावा दवाओं की समय पर आपूर्ति के लिए दवा और वैक्सीन आपूर्ति (डीवीडीएमएस) पोर्टल पर समय से मांगपत्र देने के निर्देश दिए गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एनएचएम निदेशक पिंकी जोवल ने कहा कि जन आरोग्य मेले के लिए जरूरत के अनुसार आयुष और बीडीएस (डेंटल सर्जन) चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएं। मेलों में स्वास्थ्य जानकारी देने वाले संदेश भी प्रसारित किए जाएं।
उन्होंने चिकित्सकीय इकाइयों की जानकारी देने वाले साइन बोर्ड, जियो टैगिंग, आग लगने की स्थिति में सुरक्षा के मानकों को पूरा करने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
गौरतलब है कि समीक्षा बैठक से पहले 13 से 15 दिसंबर तक अयोध्या ने प्रयागराज मंडल, प्रयागराज ने देवीपाटन मंडल और देवीपाटन ने अयोध्या मंडल की चिकित्सा इकाइयों का स्थलीय निरीक्षण किया था।
स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम, स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारियों के विशेषज्ञों की टीम के साथ 177 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), 523 प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों (पीएचसी) और 2743 आयुष्मान आरोग्य मंदिर/उपकेंद्रो का स्थलीय भ्रमण किया गया।
इस टीम ने जीवन रक्षक दवाएं, पेयजल, चिकित्सकीय सेवा-सुविधा की गुणवत्ता, मानव संसाधन, तीमारदारों के लिए सुविधाएं, साफ-सफाई व राष्ट्रीय कार्यक्रमों की रिपोर्ट तैयार की थी। |