दो करोड़ की लूट का मास्टर माइंड मुठभेड़ में मारा गया।  
 
  
 
  
 
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। दो करोड़ की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का सरगना और मास्टर माइंड रविवार रात पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। वह दोपहर में पुलिस टीम को चकमा देकर हथकड़ी समेत भाग गया था। साढ़े सात घंटे तक नाकेबंदी और सघन चेकिंग के दौरान शातिर मक्खनपुर क्षेत्र में हाईवे किनारे मिला तो पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने से एसपी ग्रामीण बच गए, लेकिन इंस्पेक्टर रामगढ़ हाथ में गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस की जवाबी फायरिंग में सीने में गोली लगने से घायल बदमाश को ट्रामा सेंटर लाया गया। वहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था।  
 
  
 
कानपुर-आगरा हाईवे पर मक्खनपुर क्षेत्र के गांव घुनपई में 30 सितंबर की सुबह गुजरात की जीके कंपनी की कार से बदमाशों ने दो करोड़ रुपये का कैश लूट लिया था। एक अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस की छह टीमों मामले का पर्दाफाश करने में जुट गईं। शनिवार दोपहर उन्हें सफलता भी मिल गई।  
 
अलीगढ़ के खैर क्षेत्र के गांव अरनी निवासी नरेश और उसके पांच साथियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से एक करोड़ की रकम सहित अन्य सामान बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार नरेश इस वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का सरगना और मास्टर माइंड था।  
 
  
 
उस पर दिल्ली, गाजियाबाद और फरीदाबाद में कई मुकदमे दर्ज थे। उसने पूछताछ में बताया था कि लूटी गई कुछ रकम उसने हाईवे के किनारे ही झाड़ियों में छिपा दी है।  
 
इसलिए दोपहर एक बजे थाना प्रभारी मक्खनपुर चमन शर्मा तीन सिपाहियों के साथ उसे खेड़ा गणेशपुर गांव के पास ले गए थे। उसके हथकड़ी लगी थी।  
 
गाड़ी से उतरते ही उसने पेट में दर्द होने और शौच जाने के लिए कहा। थाना प्रभारी ने बताया कि वह शौच के लिए बाजरा के खेत के पास बैठा था। इस दौरान भाग गया। जिले में नाकेबंदी करके उसकी तलाश शुरू हुई, जो रात साढ़े आठ बजे करीब पूरी हुई।  
 
  
 
पुलिस के अनुसार वह बीएमआर होटल के पास झाड़ियों में छिपा हुआ था। उसने पुलिस टीम को देखते ही पिस्टल और रिवाल्वर से फायरिंग शुरू कर दी। एक गोली एसपी ग्रामीण अनुज कुमार चौधरी की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी। इंस्पेक्टर रामगढ़ संजीव कुमार दुबे हाथ में गोली लगने से घायल हो गए।   
  
अभिरक्षा से फरार होने के बाद डीआईजी ने नरेश पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। हमें उसकी निशानदेही पर और रकम बरामद होने की उम्मीद थी। रात में उसने 20 लाख रुपये बरामद कराए थे। इसीलिए पुलिस टीम उसे खेड़ा गणेशपुर ले गई थी। वहां से वह पुलिस का चकमा देकर भाग गया। रात को उसने रकम के साथ छिपाकर रखी गई दो पिस्टल और एक रिवाल्वर से पुलिस टीम पर फायरिंग की। उसके पास मिले बैग से लगभग 20 लाख रुपये बरामद हुए हैं। - सौरभ दीक्षित, एसएसपी।  
  
   
 
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