Deepavali UNESCO Heritage: भारत के प्रमुख रोशनी के त्योहार दीपावली को बुधवार (10 दिसंबर) को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल किया गया। दिल्ली में लाल किले पर आयोजित यूनेस्को की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया। यह पहली बार है कि भारत इनटैंजिबल कल्चरल हेरिटेज (ICH) के संरक्षण के लिए इंटरगवर्नमेंटल कमेटी के सत्र की मेजबानी कर रहा है। इस समिति का 20वां सत्र लाल किले में आठ से 13 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।
यूनेस्को द्वारा दीपावली उत्सव को प्रतिष्ठित लिस्ट में शामिल किए जाने की घोषणा के बाद \“वंदे मातरम\“ और \“भारत माता की जय\“ के नारे हवा में गूंज उठे। भारत की 15 चीजें वर्तमान में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल हैं। इनमें कुंभ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा नृत्य, योग, वैदिक मंत्रोच्चार की परंपरा और रामलीला महाकाव्य ‘रामायण’ का पारंपरिक प्रदर्शन शामिल हैं।
प्रकाश का उत्सव दीपावली भारत के उन चिरस्थायी त्योहारों में से एक है जो अब दुनिया के कई अन्य हिस्सों में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग अपने घरों को पारंपरिक दीयों से सजाते हैं। साथ ही इमारतों को रोशन किया जाता है, जिससे रात में एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत होता है।
पीएम मोदी ने जताई खुशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे त्योहार की वैश्विक लोकप्रियता में और वृद्धि होगी। पीएम मोदी ने यूनेस्को द्वारा दीपावली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए X पर एक पोस्ट में कहा, “भारत और दुनिया भर के लोग रोमांचित हैं।“
उन्होंने कहा, “दीपावली हमारी संस्कृति और मूल्यों से गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता का सार है। यह ज्ञान और धर्म का प्रतीक है। दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने से त्योहार की वैश्विक लोकप्रियता में और भी अधिक वृद्धि होगी।“ PM मोदी ने कहा, “प्रभु श्री राम के आदर्श हमारा शाश्वत रूप से मार्गदर्शन करते रहें।“
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\“यूनेस्को ने शांति का सम्मान किया\“
भारत ने बुधवार (10 दिसंबर) को कहा कि दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल करके यूनेस्को ने नवीकरण, शांति और अच्छाई की जीत के लिए शाश्वत मानवीय अभिलाषा का सम्मान किया है। दिल्ली के लाल किले में यूनेस्को की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान दीपावली को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किए जाने की घोषणा के तुरंत बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने देश की ओर से यह बयान दिया।
People in India and around the world are thrilled. For us, Deepavali is very closely linked to our culture and ethos. It is the soul of our civilisation. It personifies illumination and righteousness. The addition of Deepavali to the UNESCO Intangible Heritage List will… https://t.co/JxKEDsv8fT — Narendra Modi (@narendramodi) December 10, 2025
शेखावत और भारतीय दल के अन्य सदस्यों ने इस अवसर पर पारंपरिक पगड़ी पहनी। उन्होंने कहा, “हर भारतीय के लिए दीपावली बेहद भावनात्मक त्योहार है। इसे पीढ़ियों से मनाया जा रहा है, इसे महसूस किया जाता है और आत्मसात किया जाता है।“ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दीपावली को इस सूची में शामिल करके यूनेस्को ने नवीकरण, शांति और अच्छाई की जीत के लिए शाश्वत मानवीय अभिलाषा का सम्मान किया है।
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शेखावत ने कहा कि कुम्हारों से लेकर कारीगरों तक लाखों हाथ इस विरासत को जीवित रखते हैं। उन्होंने कहा कि यूनेस्को का यह \“टैग\“ भी एक जिम्मेदारी है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि दीपावली हमेशा एक विरासत बनी रहे। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों को पता होना चाहिए कि दीपावली राम राज्य यानी सुशासन का त्योहार है। यह पहली बार है जब भारत यूनेस्को समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है। |