डायबिटीज में प्रेग्नेंसी की प्लानिंग: जरूरी बातें जो आपको जाननी चाहिए (Picture Credit- AI Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। प्रेग्नेंसी न सिर्फ एक महिला, बल्कि एक कपल के लिए भी बेहद अहम होती है। यह जीवन का एक अहम पड़ाव होता है, जिसमें कदम रखने से पहले कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है। खासकर अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं, तो माता-पिता और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली में ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजी, गाइनी कोलोजिक और लेप्रोस्कोपी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. हेमांगी नेगी ने बताया कि सही मेडिकल हेल्प और सही प्लानिंग के साथ, टाइप 1, टाइप 2 या प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली डायबिटीज से पीड़ित ज्यादातर लोग हेल्दी प्रेग्नेंसी और अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
ब्लड शुगर लेवल स्टेबल होना जरूरी
उन्होंने बताया कि सबसे जरूरी बात यह है कि कंसीव करने से पहले आपका ब्लड शुगर लेवल स्टेबल हो और आप अपने डॉक्टर के साथ एक साफ योजना बना लें। बहुत से लोग यह नहीं समझते कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती कुछ हफ्ते, कभी-कभी तो महिला को पता चलने से पहले ही, बच्चे के अंगों के सही विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
इसलिए कंसीव करने की इच्छा रखने वाले डायबिटीज के मरीजों को कंसीव करने से पहले डॉक्टर के संपर्क करने की सलाह दी जाती है। इससे डॉक्टर आपकी दवाओं की जांच कर सकते हैं, आपके ब्लड शुगर के स्तर को देख सकते हैं और प्रेग्नेंसी से पहले ही समस्याओं के जोखिम को कम कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में हानिकारक हो सकती है कुछ दवाएं
कंसीव करने की कोशिश करने से पहले HbA1c लेवल को 6.5 प्रतिशत से नीचे लाना सबसे ज्यादा जरूरी है ताकि लो ब्लड शुगर की समस्या के बिना कंसीव किया जा सके। ग्लूकोज लेवल को स्थिर रखना न सिर्फ फर्टिलिटी में मददगार होता है, बल्कि मिसकैरिज, जन्म से होने वाले डिसऑर्डर, समय से पहले जन्म और प्रीक्लेम्पसिया जैसी समस्याओं की संभावना को भी कम करता है।
हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं की कुछ मौखिक दवाओं को बदला जाता है, क्योंकि कुछ दवाएं प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित नहीं होती हैं और उन्हें इंसुलिन में बदलने की आवश्यकता हो सकती है।
सही डाइट बेहद जरूरी
प्रेग्नेंसी की तैयारी में सही डाइट लेना भी बहुत जरूरी है। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर हेल्दी डाइट ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करती है। कई हेल्थ एक्सपर्ट महिलाओं को सामान्य की तुलना में फोलिक एसिड की ज्यादा खुराक लेने का सुझाव देते हैं, क्योंकि यह न्यूरल ट्यूब डिसऑर्डर को रोकने में मदद कर सकता है, जो अनियंत्रित ब्लड शुगर वाली महिलाओं में ज्यादा आम हैं।
इन बातों का ध्यान रखना भी जरूरी
- नियमित भोजन करना, स्नैक्स के प्रति सचेत रहना और भोजन की मात्रा को नियंत्रित रखना
- वेट मैनेजमेंट भी बहुत जरूरी है। प्रेग्नेंसी से पहले हेल्दी बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) होने से शरीर को इंसुलिन का बेहतर उपयोग करने, पीरियड साइकिल को नियमित रखने और फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिलती है।
- टाइप 2 डायबिटीज या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं के लिए थोड़ा सा वजन कम होना भी बहुत फायदेमंद हो सकता है।
- चलना, तैरना और हल्की एक्सरसाइज जैसी एक्टिविटीज, जो प्रेग्नेंसी के दौरान सुरक्षित हैं, शरीर पर ज्यादा दबाव डाले बिना आपको फिट रखने में मदद कर सकती हैं।
- डायबिटीज से संबंधित दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है।
- प्रेग्नेंसी से पहले आंखों की जांच, किडनी फंक्शन की जांच, ब्लड प्रेशर की जांच और थायरॉइड की जांच करानी चाहिए।
- आंखों की समस्या या किडनी की बीमारी जैसी समस्याएं नियमित जांच न कराने पर बिगड़ सकती हैं, और उच्च बीपी या थायरॉइड की समस्याओं का इलाज न कराने पर प्रेग्नेंसी के दौरान परेशानी हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें- असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद सता रहा है प्रेग्नेंसी का डर? डॉक्टर ने बताया क्या होना चाहिए \“अगला कदम\“
यह भी पढ़ें- Pregnancy में आ रही है मुश्किल? न हों परेशान; आपके मां बनने का सपना पूरा करेंगे 3 योगासन |