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फर्जीवाड़े पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया
जागरण संवाददाता, आरा(भोजपुर)। जिले में सरकारी राशन व्यवस्था में चल रहे फर्जीवाड़े पर अब प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। करदाता और वास्तविक वाहन स्वामी की श्रेणी में आने के बावजूद सरकारी सस्ता राशन लेने वाले लोगों पर गाज गिरने वाली है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा कराई गई जांच में जिले भर में करीब 40 हजार 315 संदिग्ध राशन कार्ड चिह्नित किए गए हैं, जिनके रद्द होने का खतरा मंडराने लगा है। इस कार्रवाई से अपात्र लाभुकों में हड़कंप मचा हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत केवल पात्र परिवारों को ही सरकारी राशन का लाभ दिया जाना है, लेकिन जांच में यह सामने आया है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी राशन कार्डधारी बने हुए हैं, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
इनमें करदाता, चार पहिया वाहन रखने वाले, सरकारी सेवक, अच्छी मासिक आय वाले और अपात्र श्रेणी के लोग शामिल हैं।
जिले में की गई जांच के बाद राज्य मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिला मुख्यालयों को संदिग्ध राशन कार्डधारियों की सूची भेजी गई है।
इसके बाद संबंधित अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिले के विभिन्न प्रखंडों में संदिग्ध लाभुकों की पहचान कर नोटिस भेजने का काम शुरू हो चुका है।
उन्हें एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधित राशन कार्ड रद्द कर दिए जाएंगे।
सबसे अधिक गड़बड़ी सदर अनुमंडल के बड़हरा प्रखंड में सामने आई है, जहां 5055 अपात्र राशन कार्डधारी चिह्नित किए गए हैं।
इसके बाद शाहपुर में 4695, आरा में 4216, जगदीशपुर में 3720 और पीरो में 3860 संदिग्ध लाभुक पाए गए हैं। अन्य प्रखंडों में भी सैकड़ों की संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं।
वहीं कोइलवर प्रखंड में अपात्र राशन कार्डधारियों पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यहां 2908 राशन कार्डधारकों को अपात्र की श्रेणी में चिह्नित किया गया है।
इन सभी को नोटिस भेजने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अधिकारियों के अनुसार नोटिस मिलने के बाद लाभुकों को सात दिनों के भीतर अपना पक्ष रखना होगा। यदि वे पात्रता साबित नहीं कर पाए, तो उनका राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा।
जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि पूरे जिले में 97,781 संदिग्ध राशन कार्डधारियों की सूची तैयार की गई थी, जिनमें से अब तक 89,361 लोगों का सत्यापन किया जा चुका है।
शेष लाभुकों की जांच प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। विभाग का स्पष्ट कहना है कि अपात्र लोगों द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ लेना कानूनन अपराध है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की इस सख्ती से जहां वास्तविक गरीब और जरूरतमंद लाभुकों को राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं वर्षों से गलत तरीके से राशन उठा रहे लोगों की परेशानी बढ़ती दिख रही है।
प्रखंडवार संदिग्ध राशन कार्डधारियों की संख्या
| प्रखंड | संदिग्ध कार्डधारी | | आरा | 4216 | | बड़हरा | 5055 | | अगिआंव | 1468 | | बिहिया | 1874 | | चरपोखरी | 1370 | | गड़हनी | 2044 | | जगदीशपुर | 3720 | | कोईलवर | 2967 | | पीरो | 3860 | | सहार | 2351 | | संदेश | 1569 | | शाहपुर | 4695 | | तरारी | 1940 | | उदवंतनगर | 3186 | | टोटल | 40315 |
चालीस हजार संदिग्ध लोगों की एसडीओ से कराई जा रही जांच
भोजपुर जिले में विभाग के द्वारा 40 हजार से ज्यादा संदिग्ध लोगों का नाम भेजा गया है। सभी की जांच करते हुए आगे की कार्रवाई करने का निर्देश संबंधित अनुमंडलों के एसडीओ को दिया गया है।
विनय कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, भोजपुर
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