deltin33 • 2025-12-6 16:09:54 • views 784
बांका का डाक बंगला होगा पुनर्जीवित। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, चांदन (बांका)। आजादी के 78 वर्ष बाद कुसुमजोरी पंचायत के सुरंगी गांव स्थित अंग्रेजों के जमाने में बना ऐतिहासिक डाक बंगला एक बार फिर जीवन्त होने की राह पर है। वर्षों से जंगली झाड़ियों में तब्दील यह भवन अब जिला परिषद सदस्य शारदा देवी के सौजन्य से तथा जिला परिषद अध्यक्ष राजेंद्र यादव की स्वीकृति पर पुनर्जीवित किया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डाक बंगला परिसर की साफ-सफाई युद्धस्तर पर शुरू कर दी गई है और जल्द ही चारदीवारी निर्माण का कार्य शुरू होगा। ग्रामीण सह अमीन दशरथ ठाकुर एवं जिला पार्षद प्रतिनिधि सह दक्षिणी बारने पंचायत के मुखिया तुलसी रजक ने बताया कि डाक बंगला का पुनर्निर्माण होने से जिले के अधिकारी यहां पहुंचकर क्षेत्र का निरीक्षण कर सकेंगे, जैसा कि अंग्रेजी शासन के समय में ब्रिटिश अधिकारी यहां डेरा डालते थे।
उन्होंने बताया कि आजादी से पहले इस डाक बंगले से अंग्रेज प्रशासन क्षेत्र में हुकूमत चलाता था, जिसके विरोध में स्वतंत्रता सेनानियों ने इस भवन को ध्वस्त कर ब्रिटिश हुकूमत को भागने पर मजबूर किया था।
इनमें महापुरुष स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय बाबूलाल सिंह, स्वर्गीय हाकिम सिंह, स्वर्गीय बलदेव मरिक, स्वर्गीय विश्वनाथ यादव, स्वर्गीय छोटेलाल सिंह, स्वर्गीय बैजनाथ बेसरा, स्वर्गीय केवल रजक, स्वर्गीय सुखदेव सिंह सहित कई सेनानियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अंग्रेजों के विरोध में इन सभी सेनानियों को जेल भी जाना पड़ा था। डाक बंगले में उस समय गांव के ही स्वतंत्रता सेनानी धनपत यादव चौकीदार के रूप में कार्यरत थे। बताया जाता है कि यह डाक बंगला लगभग 51 डिसमिल रकबा में फैला हुआ है, जहां आज भी लगभग दस बीघा में आम के बगीचे मौजूद हैं।
भवन के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने से ग्रामीणों में उत्साह और खुशी का माहौल है। जिला पार्षद प्रतिनिधि तुलसी रजक ने बताया कि फिलहाल जमीन का पैमाइश कार्य पूरा कर लिया गया है। पहले चारदीवारी का निर्माण होगा, उसके बाद भवन का निर्माण कराया जाएगा। |
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