अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे सभी पांच भारतीय श्रमिकों का गांव पहुंचने पर परिजनों और ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
संवाद सूत्र, विष्णुगढ़ (हजारीबाग) । अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे सभी पांच भारतीय श्रमिक आखिरकार सकुशल अपने वतन लौट आए। गांव पहुंचने पर परिजनों और ग्रामीणों ने श्रमिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
श्रमिकों ने झारखंड सरकार, केंद्र सरकार, विदेश मंत्रालय के साथ-साथ मीडिया और प्रवासी श्रमिकों की मदद में सक्रिय समाजसेवी सिकंदर अली के प्रति विशेष आभार जताया है। हजारीबाग के विष्णुगढ़ और गिरिडीह जिले के कुल पांच श्रमिक रोजगार के सिलसिले में कैमरून गए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लेकिन वहां कंपनी द्वारा पिछले चार महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण वे खाने-पीने की भी गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। मजबूरी में श्रमिकों ने समाजसेवी सिकंदर अली के माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर वीडियो जारी कर सरकार से वतन वापसी कराने की गुहार लगाई थी।
संज्ञान में आते ही झारखंड सरकार और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने तत्काल हस्तक्षेप किया
मामले को संज्ञान में लेते हुए झारखंड सरकार और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने तत्काल हस्तक्षेप किया। इसके बाद न केवल श्रमिकों को बकाया वेतन दिलाया गया, बल्कि उनकी सुरक्षित स्वदेश वापसी भी सुनिश्चित की गई।
वापसी करने वालों में प्रखंड के ऊंचाघना गांव के सुनील महतो, सुकर महतो, करगालो के चंद्रशेखर कुमार, डीलो महतो तथा गिरिडीह के डुमरी प्रखंड के निवासी दिलचंद महतो शामिल हैं।
समाजसेवी सिकंदर अली ने कहा कि रोजी-रोटी की तलाश में बड़ी संख्या में ग्रामीण युवक विदेशों का रुख करते हैं, लेकिन कभी-कभी उन्हें वहां विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए सरकार और एजेंसियों को और कारगर कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए। |