67.75 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी से अब 187.87 किमी
राज्य, रांची। सड़के विकास की प्रगति का पैमाना है और बीते वर्षों में राज्य सड़क संसाधन के मोर्चे पर रफ्तार पकड़ रहा है। राज्य गठन के वक्त यहां कुल सड़क लंबाई महज 5,400 किलोमीटर थी, जो बढ़कर 14,973.63 किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह बढ़ोतरी 175 प्रतिशत से भी अधिक का है। सड़क घनत्व भी 67.75 किमी प्रति 1,000 वर्ग किमी से तीन गुना बढ़कर 187.87 किमी हो गया है। रांची की सिरमटोली फ्लाईओवर, इनर रिंग रोड के चरणबद्ध निर्माण, जमशेदपुर का स्वर्णरेखा एलिवेटेड कॉरिडोर, धनबाद-बोकारो की चौड़ी सड़कें और दुमका का दिशोम गुरु शिबू सोरेन सेतु (झारखंड का सबसे लंबा 2.34 किमी पुल, जिसे ‘सेल्फी ब्रिज’ भी कहा जाता है) राज्य की प्रगति के नए प्रतीक बन गए हैं।
2020 से अब तक 2,240 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण और 5,580 किमी से अधिक सड़कों को दो-लेन, इंटरमीडिएट लेन, चार-लेन और छह-लेन तक अपग्रेड किया गया है।
राज्य के हर कोने को जोड़ने की दिशा में पिछले 25 सालों में 10 सबसे बड़े काम हुए हैं।
इनमें सबसे ऊपर है सड़क नेटवर्क में 175% वृद्धि और सड़क घनत्व में तीन गुना सुधार। 10,220 किमी सड़कों के चौड़ीकरण-मजबूतीकरण के लिए 785 योजनाएं मंजूर हुई हैं, जिनकी कुल लागत 21,625 करोड़ रुपये है। रांची का पहला चारलेन फ्लाईओवर सिरमटोली तैयार हो चुका है।
जमशेदपुर में स्वर्णरेखा नदी पर एलिवेटेड कॉरिडोर और 3.54 किमी लंबा अंडरपास-फ्लाईओवर प्रोजेक्ट शहर को जाम से मुक्ति दिलाएगा। रेलवे ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज के मामले में 33 परियोजनाएं मंजूर हुईं, जिनमें 19 पूरी हो चुकी हैं और 14 पर तेजी से काम चल रहा है। रांची इनर रिंग रोड (51.92 किमी) के 11 चरणों में से तीन शुरू हो चुके हैं और शेष 2026 तक पूरे करने का लक्ष्य है।
जल्द पूरा हो जाएंगे मेगा रोड प्रोजेक्ट
अगले कुछ वर्षों में पांच मेगा प्रोजेक्ट पूरे होने जा रहे हैं। सिरमटोली से कांटाटोली तक कनेक्टिंग फ्लाईओवर, सहजानंद चौक समेत चार प्रमुख चौक किशोरगंज, गाड़ीखाना, रातू रोड पर फ्लाईओवर, रिंग रोड के बाकी आठ फेज, जमशेदपुर एलिवेटेड कॉरिडोर और सबसे बड़ी 322 नई सड़क योजनाएं (2,925 किमी, लागत 16,890 करोड़ रुपये) पूरे हो जाएंगे। इनसे राज्य के सभी 24 जिलों की कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
गंगा नदी पर बन रहा पुल भी होगा तैयार
साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा नदी पर बन रहा छह किलोमीटर लंबा पुल 2027 तक पूरा हो जाएगा। इससे झारखंड का साहिबगंज जिला बिहार के भागलपुर-कटिहार से सीधे जुड़ेगा और उत्तर-पूर्वी भारत के लिए वैकल्पिक मार्ग खुलेगा।
पथ निर्माण विभाग का स्पष्ट लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में झारखंड का सड़क घनत्व राष्ट्रीय औसत (2023-24 में 199 किमी प्रति 1,000 वर्ग किमी) के बराबर या उससे आगे पहुंच जाए। इसके लिए 38,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या पाइपलाइन में हैं। |