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दिल्ली में वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश, हरियाणा-राजस्थान में बेचते थे चोरी की गाड़ियां

deltin33 2025-12-2 04:37:28 views 298

  

वेस्ट दिल्ली पुलिस ने एक गाड़ी चोर और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। सांकेतिक तस्वीर



जागरण संवाददाता, वेस्ट दिल्ली। वेस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने एक गाड़ी चोर और उसके साथी को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली से गाड़ियां चुराकर उन्हें दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में बेचते थे। गिरफ्तार आरोपियों का नाम सुनील उर्फ बंटी और अनीस अहमद है। अनीस गाड़ियां चुराने के बाद चेसिस नंबर बदलकर उन्हें बेच देता था। पुलिस ने उनके पास से दो कारें बरामद की हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, दराडे शरद भास्कर ने बताया कि वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में गाड़ी चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए जिले की गाड़ी चोरी रोकथाम यूनिट काम कर रही है। पुलिस टीमों ने उन जगहों पर CCTV कैमरे चेक किए जहां से गाड़ियां चोरी हुई थीं।

29 नवंबर को पुलिस को जानकारी मिली कि गाड़ी चोरी में शामिल बदमाश सुनील उर्फ बंटी जेल से छूटने के बाद फिर से गाड़ी चोरी करने लगा है। इंस्पेक्टर मुकेश कुमार मीणा की लीडरशिप में पुलिस टीम ने उस पर निगरानी बढ़ा दी। इसी बीच पुलिस को पता चला कि वह चोरी की गाड़ियों को बेचने गुरुग्राम सेक्टर 26 जा रहा है, जहां से उसे पकड़ लिया गया।

पूछताछ के दौरान सुनील ने विकासपुरी से एक और बेगमपुर से दो गाड़ियां चुराने की बात कबूल की। उसने बताया कि गाड़ियां चुराने के बाद वह उन्हें पेशे से मैकेनिक अनीस को दे देता था। अनीस अपनी वर्कशॉप में चोरी की गाड़ियों के चेसिस नंबर और रंग बदल देता था। बाद में वह इन गाड़ियों को दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में एक से दो लाख रुपये में बेच देता था। पुलिस ने शिव एन्क्लेव में छापा मारकर अनीस को गिरफ्तार कर लिया। उसकी जानकारी पर दो कारें बरामद कीं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुनील पर गाड़ी चोरी के कई मामले दर्ज हैं।

पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला कि सुनील रेजिडेंशियल कॉलोनियों और पब्लिक पार्किंग ज़ोन में खड़ी गाड़ियों को टारगेट करता था। वह नकली चाबियों और लॉक खोलने वाले औजारों का इस्तेमाल करके गाड़ियों को खोलता और भगा ले जाता था। कुछ दिन रखने के बाद, वह उन्हें अनीस को दे देता था। वह नकली प्लेट लगाकर और चेसिस से छेड़छाड़ करके गाड़ियों की पहचान बदल देता था। फिर वे गाड़ियों को दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में बेच देते थे।
एंड, गौतम
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