जागरण संवाददाता, हमीरपुर। जिले में चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में सदर विधानसभा के बीएलओ के द्वारा गणना प्रपत्रों के एकत्र करने एवं उसे डिजीटाइज्ड करने के कार्यों में पर्यवेक्षकों के द्वारा पर्यवेक्षण न करने के कारण एसआईआर कार्य की रफ्तार धीमी हो रही है, जिसके कारण अभी तक एसआईआर का कार्य लक्ष्य के सापेक्ष सिर्फ 25.60 प्रतिशत ही डिजीटाइज्ड हुआ है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एसआईआर अभियान में लापरवाही बरतने वाले ऐसे 17 पर्यवेक्षकों के खिलाफ जिलाधिकारी घनश्याम मीना के द्वारा कार्रवाई करते हुए उनका एक दिन का वेतन रोकने के आदेश के साथ स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश संबंधित को दिए गए हैं।
जिलाधिकारी घनश्याम मीना ने बताया कि सदर विधानसभा 228 के बीएलओ द्वारा गणना प्रपत्रों के एकत्र करने एवं उसे डिजीटाइज्ड करने के कार्यों में कुछ पर्यवेक्षकों के द्वारा लापरवाही करने का मामला सामने आया है। जिन बूथों पर गणना प्रपत्रों का डिजीटाइज्ड कार्य मानक के अनुसार अत्यधिक कम हुआ है, जिसकी समीक्षा बैठक गुरुवार को सुबह बुलाई गई थी।
जिसमें सिर्फ 11 पर्यवेक्षक ही उपस्थित हुए। वहीं 17 पर्यवेक्षक बैठक से नदारद रहे। एसआईआर कार्य में लापरवाही बरतने व समीक्षा बैठक में उपस्थित न होने वाले ऐसे 17 पर्यवेक्षकों का एक दिन का वेतन रोकने के आदेश दिए गए हैं।
इन पर्यवेक्षकों का वेतन रोकने का दिया गया आदेश
एसआईआर अभियान में लापरवाही बरतने पर पर्यवेक्षक कमल किशोर, विजय करन सिंह, जितेंद्र कुमार, जितेंद्र बाजपेई, विपिन कुमार सोनी, देवेश कुमार द्विवेदी, रविपाल सिंह, विनीत कुमार द्विवेदी, रामरूप साहू, अवधेश कुमार, बृजेंद्र सचान, रंजीत यादव, रामविलास साहू, चंद्रकिशोर, पवन कुमार पाल, अजय कुमार मिश्रा व राजेश कुमार शिवहरे शामिल हैं। |