100 बेड की सीसीयू से लेकर दवा-जांच सेवाओं पर डीएम का फोकस। सौ: जिला प्रशासन
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: अस्पतालों के प्रबंधन, संचालन से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कड़ी में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने गुरुवार को सदर अस्पताल स्थित माडल अस्पताल एवं मातृ-शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया।
उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों, व्यवस्थाओं, दवाओं, जांच सुविधाओं, डॉक्टरों की उपस्थिति एवं आपातकालीन सेवाओं की जांच की। माडल अस्पताल में ओपीडी की व्यवस्था, ड्यूटी चार्ट, चिकित्सकों की उपस्थिति, मरीज निबंधन प्रणाली, रात्रिकालीन सेवाओं एवं सामान्य रोगियों के इलाज की व्यवस्था का जायजा लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने पाया कि कई स्थानों पर निगरानी और समन्वय को और मजबूत करने की आवश्यकता है। निर्देश दिया कि चिकित्सकों की उपस्थिति ड्यूटी चार्ट के अनुरूप अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जायए।
यदि कोई चिकित्सक बिना सूचना अनुपस्थित पाए जाते हैं तो तत्काल कार्रवाई की जाए। इमरजेंसी वार्ड के निरीक्षण में उन्होंने पंजीकरण कक्ष, आइसोलेशन रूम, प्लास्टर एवं ड्रेसिंग रूम की स्थिति देखी।
अस्पताल अधीक्षक को निर्देश दिया कि ऑपरेशन थिएटर हमेशा फंक्शनल रहे। सभी चार तैनात सर्जन द्वारा माइनर व मेजर ऑपरेशन नियमित रूप से सुनिश्चित हों। निरीक्षण के दौरान एक सर्जन के अनुपस्थित रहने की बात सामने आई।
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षक को निर्देश दिया कि ऐसे सर्जनों के कार्य की समीक्षा की जाए। सुधार नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई के लिए प्रपत्र क गठित कर अनुशंसा भेजी जाए।
सौ बेड की क्रिटिकल केयर यूनिट निर्माणाधीन
जिलाधिकारी की पहल पर सदर अस्पताल में 100 बेड की अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर यूनिट बनाई जा रही है। इससे गंभीर मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि निर्माण स्थल पर मलबा एवं कचरा फेंका हुआ है। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए बीएमएसआइसीएल के डीजीएम से स्पष्टीकरण मांगा।
महिलाओं के लिए अतिरिक्त निबंधन काउंटर बने
मातृ-शिशु अस्पताल में महिलाओं की बढ़ती भीड़ तथा गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को बिना विलंब के ही त्वरित रूप से सुगम इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी ने महिलाओं के लिए अतिरिक्त निबंधन काउंटर लगाने का निर्देश दिया। इससे गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की चिकित्सकीय सेवाओं में विलंब न हो। उन्होंने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़े सभी प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करने को कहा।
दवा वितरण केंद्र का निरीक्षण
दवा वितरण केंद्र के निरीक्षण में दवाओं की उपलब्धता एवं मरीजों को वितरण की स्थिति की डीएम ने जांच की। केंद्र पर मौजूद मरीजों से फीडबैक भी लिया। अवगत कराया गया कि अस्पताल में 348 प्रकार की आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि दवा वितरण से संबंधित प्रतिदिन की प्रविष्टि नियमित रूप से मेंटेन हो। अस्पताल परिसर के बाहर की दवा दुकानों की जांच ड्रग इंस्पेक्टर से कराई जाए।
85 प्रकार की जांचें
पैथोलॉजिकल केंद्र के निरीक्षण में पाया गया कि सदर अस्पताल में 85 तरह की जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रतिदिन करीब 150 मरीजों की जांच की जाती है। यहां छह लैब टेक्नीशियन कार्यरत हैं। जिलाधिकारी ने गंभीर मरीजों के लिए आइसीयू की सुविधा के बेहतर प्रबंधन करने का निर्देश दिया।
अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों को मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सेवा-प्रवाह को बेहतर समन्वय के साथ गुणवत्तापूर्ण संचालित करने का निर्देश दिया। मातृ-शिशु अस्पताल के निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने प्रसव कक्ष, ऑपरेशन कक्ष एवं शिशु वार्ड की सेवाएं सुचारु रूप से संचालित रखने का निर्देश दिया। वहीं बच्चों के नियमित टीकाकरण में तेजी लाने को कहा।
कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित नहीं रहे। आपातकालीन स्थिति में 102 पर काल : किसी भी आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस सुविधा 102 नंबर पर काल करके प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह सेवा मातृ-शिशु, दुर्घटना और अन्य आपात स्थितियों में बेहद उपयोगी है।
रेडियोलाजी एमसीएच में स्थानांतरित करने का निर्देश
निरीक्षण में पाया गया कि ब्लड बैंक का भवन काफी जर्जर स्थिति में है। इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग दूसरे भवन में संचालित है। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि रेडियोलॉजी सेवा को एमसीएच भवन में स्थानांतरित किया जाए।
सिविल सर्जन कार्यालय को भी एमसीएच भवन में शिफ्ट किया जाए ताकि प्रशासनिक कार्य बेहतर समन्वय के साथ हो। सिविल सर्जन के इसी भवन में बैठने से अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन को और अधिक बेहतर ढंग से संपादित करने में सहूलियत होगी तथा मरीजों को भी लाभ मिलेगा।
अस्पताल का नया प्राइवेट वार्ड निर्माण पूरा हो चुका है। जिलाधिकारी ने इसे नियमानुसार शीघ्र संचालित करने का निर्देश दिया ताकि मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। |