प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। जिले में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए मार्गों पर हाईटेक उपकरणों की स्थापना किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। जिले के 13 स्थानों पर इन उपकरणों को स्थापित किया जाएगा, जहां अधिक हादसों के होने की आशंका बनी रहती है। परिवहन विभाग ने इनकी स्थापना स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फार कैपिटल इंवेस्टमेंट योजना के तहत नगर विकास विभाग, पुलिस, परिवहन विभाग, परिवहन निगम, लोक निर्माण विभाग, यूपीडा, यीडा आदि द्वारा जल्द की जानी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एआरटीओ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि योजना के तहत हाई रिस्क कारीडोर, हाई डेंसिटी कारीडोर और क्रिटिकल जंक्शन पर इलेक्ट्रानिक इंफोर्समेट डिवाइसेज स्थापित किए जाने हैं। हाई रिस्क कारीडोर के तहत तीनों तरह की सड़कों का एक किमी लंबाई का वह भाग चिन्हित किया जाएगा, जहां बीते तीन वर्ष में न्यूनतम तीन हादसे हुए है।
वहीं शहरी और ग्रामीण इलाके की उन सड़कों को भी चिन्हित किया जाएगा, जहां तीन वर्ष में न्यूनतम दो हादसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इन उपकरणों की मदद से वाहन चालकों की गति, लाल बत्ती पार करने जैसी गलतियों की तुरंत पहचान हो सकेगी और ट्रैफिक नियमों के पालन को सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इससे न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी बल्कि ट्रैफिक अनुशासन भी बेहतर होगा। स्कूलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में इन उपकरणों से पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
स्कूल और कालेज की सौ मीटर की दायरे में रहेंगी सड़क
प्रमुख जिला मार्ग और अन्य जिला मार्ग का भी यही मानक होगा। इसके अलावा स्कूल और अन्य शैक्षिक संस्थानों के आसपास की सौ मीटर की सड़क भी इसके दायरे में आएगी। साथ ही, जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा नामित सड़कें भी हाई रिस्क कारीडोर के तहत शामिल की जाएंगी। वहीं उच्च घनत्व (हाई डेंसिटी) वाले कारीडोर के तहत ऐसे स्थान और सड़कें चिन्हित की जाएंगी, जहां यातायात उल्लंघन (ओवर स्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग, लेन अनुशासनहीनता, क्रास पेडेस्ट्रियन मूवमेंट) होता है।
हादसों पर लगेगी रोक
डिवाइस का लक्ष्य पैदल यात्री, दो पहिया वाहन, साइकिल चालकों की हादसे में होने वाली मौतों को रोकना है। वहीं क्रिटिकल जंक्शन के तहत तीनों तरह की सड़कों पर स्थित ऐसे जंक्शन को शामिल किया जाएगा, जहां तीन वर्ष में न्यूनतम एक दुर्घटना हुई है।
लगेंगे यह उपकरण
आटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरा, स्पीड कैमरा, एआई बेस्ड वआयलेशन डिटेक्शन (मोबाइल का इस्तेमाल, हेलमेट धारण नहीं करना, गलत दिशा में वाहन चलाना), रेड लाइट वायलेशन डिटेक्टर, डिजिटल साइनेज, वैरिएबल मैसेज साइन, बाडी वार्न कैमरा, सीसीटीवी, डैशबोर्ड कैमरा, इंटरसेप्टर विद स्पीड गन, वे-इन-मोशन।
योजना के तहत हाई रिस्क कारिडोर, हाई डेंसिटी कारिडोर और क्रिटिकल जंक्शन पर डिवाइस लगाए जाएंगे। इनसे सड़कों पर होने वाले हादसों पर लगाम लग सकेंगी। ऐसे स्थानों को चुना जाएगा जहां पिछले तीन वर्ष में कम से कम सड़क हादसे हुए है।
- वीरेंद्र सिंह, एआरटीओ पीलीभीत
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