कैसे विकसित होता है हमारा दिमाग? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारा दिमाग जीवन भर एक जैसा नहीं रहता। यह लगातार विकसित और बदलता रहता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे दिमाग में भी उसी के हिसाब से बदलाव आते हैं। इसी से जुड़ी एक रिसर्च में पता चला है कि व्यक्ति का दिमाग चार मुख्य स्टेजेस (Brain Development Stages) से गुजरता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आपको बता दें कि ये चार स्टेज हैं, 9, 32, 66 और 83 वर्ष की उम्र। इस दौरान व्यक्ति के दिमाग में अहम बदलाव आते हैं, जो उसकी सोचने, समझने और दुनिया के देखने के तरीके को नया आकार देते हैं। आइए इन चारों स्टेजेस के बारे में समझते हैं।
कैसे किया गया यह रिसर्च?
यह रिसर्च कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया। उन्होंने शून्य से लेकर नब्बे साल तक की उम्र के 3,802 लोगों के दिमाग का विस्तार से स्टडी किया। इसके लिए एमआरआई स्कैन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।
दिमाग के जीवनभर के चार स्टेज-
- बचपन से किशोरावस्था का स्टेज (9 साल की उम्र)- यह वह उम्र है जब बच्चे का दिमाग बचपने की सीमा से निकलकर किशोरावस्था में प्रवेश करता है। इस दौरान दिमाग के अलग-अलग हिस्सों के बीच तेजी से संचार बढ़ता है और सीखने की गति बहुत तेज होती है।
- मेच्योरिटी और स्थिरता का दौर (32 साल की उम्र)- यह उम्र एक बहुत बड़ा मोड़ मानी जाती है। इसके बाद दिमाग “एडल्ट मोड“ में प्रवेश कर जाता है। यह सबसे लंबा स्टेज होता है, जो लगभग तीन दशकों तक चलता है। इस दौरान दिमाग की संरचना काफी स्थिर और मेच्योर हो जाती है। व्यक्ति की सोच, फैसले लेने की क्षमता और भावनात्मक समझ इस उम्र में पूरी तरह से विकसित हो जाती है। इसलिए कहा जाता है कि 32 साल की उम्र तक आते-आते व्यक्ति का दिमाग पूरी तरह मेच्योर हो जाता है।
- वृद्धावस्था की शुरुआत (66 साल की उम्र)- इस उम्र के आसपास दिमाग ‘अर्ली एजिंग’ यानी शुरुआती वृद्धावस्था के स्टेज में प्रवेश करता है। रिटायरमेंट का समय आने के साथ-साथ दिमाग के काम करने की गति थोड़ी धीमी होने लगती है, लेकिन एक्सपीरिएंस और नॉलेज अपने चरम पर होता है।
- लेट एजिंग (83 साल की उम्र)- यह “लेट एजिंग“ के स्टेज की शुरुआत है। इस उम्र में दिमाग की संरचना में गिरावट के लक्षण नजर आ सकते हैं और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
(AI Generated Image)
क्यों हैं ये चार स्टेज महत्वपूर्ण?
इस अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता एलेक्सा मौसले के अनुसार, इन चरणों को समझने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि कुछ लोगों का दिमाग जीवन के अलग-अलग पड़ावों पर अलग तरह से क्यों विकसित होता है। चाहे वह बचपन में सीखने की समस्या हो या बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर होना। इससे भविष्य में दिमाग से जुड़ी बीमारियों के इलाज और बचाव में मदद मिल सकती है।
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