पुलिस गिरफ्त में आशीष और गोविंद मोहन शर्मा। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। फर्जी आइएएस अधिकारी का पीए बनकर सौ करोड़ की ठगी करने वाले पंकज मिश्रा से 50 लाख की सुपारी लेने वाले आशीष चौधरी और गोविंद मोहन शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आशीष वेद व्यासपुरी में नशामुक्ति केंद्र संचालित करता था, जबकि गोविंद मोहन शर्मा अधिवक्ता है। दोनों ही आरोपित हिस्ट्रीशीटर अमित मरिंडा से काफी दिनों से जुड़े हैं। अमित ने ही गोविंद को दुष्कर्म के मामले में जेल भिजवाया था। जेल में ही गोविंद की पंकज मिश्रा से दोस्ती हुई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पंकज ही डा. माधवेंद्र और डा. बरखा को झूठे मुकदमे में फंसाना चाहता था। जनपद सुल्तानपुर के गोसाईगंज निवासी पंकज मिश्रा पर पल्लवपुरम निवासी डा. बरखा और डा. माधवेंद्र ने मुआवजा दिलाने के नाम पर सात करोड़ की ठगी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। पंकज फर्जी आइएएस का पीए बनकर ठगी करता था। पंकज की जेल में अधिवक्ता गोविंद से मुलाकात हुई। 2019 में अधिवक्ता पर हिस्ट्रीशीटर अमित मरिंडा ने दुष्कर्म का मुकदमा करावाया था। जेल में गोविंद के साथ मिलकर पंकज ने डा. बरखा और डा. माधवेंद्र को फंसाने के लिए साजिश रची। इसके बदले गोविंद को 50 लाख रुपये देने का लालच दिया।
जेल से छूटने के बाद गोविंद ने अमित मरिंडा गिरोह से जुड़े दीपक पंजाबी, वीरेंद्र शर्मा और आशीष चौधरी से संपर्क किया। उन्हें 50 लाख रुपये में हिस्सा देने का लालच दिया। दीपक नगर निगम के कर्मचारी मुकुल जैन की पत्नी पर गलत नजर रखता था। वीरेंद्र शर्मा की तरुण मिलयानी के साथ दुश्मनी थी। चारों ने मिलकर डा. बरखा, डा. माधवेंद्र के साथ मुकुल जैन और तरुण मिलयानी को भी फंसाने का प्लान तैयार किया। 17 जनवरी 2025 को भावनपुर की एक किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपित विकास उर्फ बिट्टू के साथ माधवेंद्र और मुकुल जैन को भी आरोपित बनवाया।
सीओ कैंट नवीना शुक्ला की जांच में पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठा। उसके बाद पांचों आरोपितों के खिलाफ नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इंस्पेक्टर ईलम सिंह ने बताया कि आशीष और गोविंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि दीपक, वीरेंद्र की तलाश की जा रही है। पांचवां आरोपित पंकज मिश्रा पहले से जेल में बंद है। इस मुकदमे में भी उसका रिमांड बनाकर आरोपित बनाया जाएगा। |