cy520520 • 2025-11-27 02:08:33 • views 558
सांकेतिक तस्वीर।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। केंद्र सरकार की मंशा है कि परंपरागत तरीके को छोड़कर आधुनिक तरीके से किसान खेती करें, जिससे कि अधिक उपज की पैदावार हो और किसानों को खेती में आने वाली लागत भी कम खर्च करनी पड़े। इसी क्रम में अब गाजियाबाद में कृषक उत्पादक संघ से जुड़े किसानों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण देकर ड्रोन पायलट बनाने की तैयारी है, जिससे कि वह खेतों में ड्रोन के माध्यम से यूरिया, डीएपी सहित अन्य अन्य फर्टिलाइजर उत्पाद का छिड़काव कर सकें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर्तमान में ज्यादातर किसान खेतों में यूरिया, डीएपी सहित अन्य फर्टिलाइजर उत्पाद का छिड़काव दिहाड़ी मजदूर के माध्यम से कराते हैं या खुद करते हैं। एक एकड़ कृषि भूमि में यूरिया का छिड़काव करने में लगभग चार से पांच घंटे का समय लगता है, इसके बावजूद ठीक तरीके से पूरे खेत में यूरिया का छिड़काव नहीं हो पाता है।
100 - 150 रुपये तक की होगी बचत
इस वजह से फसल की उत्पादकता भी कम होती है। ऐसा न हो, इसके लिए एक कंपनी की मदद से जिला प्रशासन द्वारा ड्रोन के माध्यम से खेतों में यूरिया का छिड़काव कराने की तैयारी शुरू की गई है। इसके लिए कृषक उत्पादक संघ और कंपनी के पदाधिकारियों के बीच एक दौर की वार्ता हो चुकी है।
इसमें बताया गया है कि ड्रोन के माध्यम से एक एकड़ कृषि भूमि पर यूरिया का छिड़काव महज पांच मिनट में हो जाएगा। जो किसान दिहाड़ी मजदूर के बजाय ड्रोन से यूरिया का छिड़काव कराएंगे, उनको 100 - 150 रुपये तक की बचत भी होगी। ड्रोन के माध्यम से खेत के सभी हिस्सों में यूरिया का छिड़काव होगा तो फसल की उत्पादकता भी अच्छी होगी, इससे किसानों को लाभ मिलेगा।
कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ) से कई किसान जुड़े होते हैं और मिलकर कृषि या पशुपालन का कार्य करते हैं। प्रत्येक एफपीओ सेे जुड़े एक किसान को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ड्रोन का प्रशिक्षण देने वाले शिक्षण संस्थान से वार्ता की गई है। जल्द ही एफपीओ और कंपनी के अधिकारियों के बीच अंतिम दौर की बैठक की जाएगी, इसमें ड्रोन खरीदने सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद ड्रोन के माध्यम से खेतों में यूरिया का छिड़काव कराने का कार्य शुरू कराया जाएगा।
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- अभिनव गोपाल, सीडीओ |
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