Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजन नियम।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, और जब यह मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा होती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इस माह को अपना स्वरूप बताया है। ऐसे में इस दौरान करने वाले सभी अनुष्ठान का फल बहुत ज्यादा मिलता है। इस दिन स्नान, दान और पूजा का विधान है। कहा जाता है कि जो साधक इस पावन तिथि (Margashirsha Purnima 2025) में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी पूजा और शिव पूजन करते हैं, उन्हें सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है। वहीं, वहीं इस दिन शिवलिंग पर कुछ खास वस्तुएं चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और धन-धान्य में अपार वृद्धि होती है। आइए उन शुभ चीजों के बारे में जानते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 7 चीजें (Offer These 7 Items To The Shivling)
- कच्चा दूध - शिवलिंग पर गाय का शुद्ध कच्चा दूध अर्पित करने से मानसिक शांति मिलती है और पैसों से जुड़ी रुकावटें दूर होती हैं। अगर मार्गशीर्ष पूर्णिमा हो, तो यह और भी शुभ माना जाता है।
- दही - दही से अभिषेक करने पर जीवन में स्थिरता आती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- शहद - शिवलिंग पर शहद अर्पित करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही इसे चढ़ाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- बिल्व पत्र - बिल्व पत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। धन-समृद्धि की कामना के लिए तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र शिवलिंग पर उल्टा अर्पित करें।
- गन्ने का रस - मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- काले तिल - शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से शनि दोष का प्रभाव कम होता है और रुके हुए धन की प्राप्ति होती है।
- अक्षत - शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही धन के भंडार हमेशा भरे रहते हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि ( Puja Ritual)
- सबसे पहले पवित्र स्नान करें।
- शिवलिंग पर गंगाजल, फिर दूध, दही, शहद, और गन्ने के रस से बारी-बारी अभिषेक करें।
- शुद्ध जल अर्पित करें और \“ॐ नमः शिवाय\“ मंत्र का जाप करें।
- बिल्व पत्र, धतूरा, भांग और अन्य विशेष वस्तुएं अर्पित करें।
- धूप-दीप जलाकर शिव चालीसा का पाठ करें, अंत में आरती करें।
यह भी पढ़ें- Margashirsha Purnima 2025: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? अभी नोट करें तिथि और शुभ मुहूर्त
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |