धनबाद का तोपचांची झील और धर्मेंद्र। (फाइल फोटो)
मृत्युंजय पाठक, धनबाद। Dharmendra Death News हिंदी सिनेमा के ही-मैन और पूर्व सांसद धर्मेंद्र के निधन ने पूरे देश को मायूस कर दिया है। सोमवार को 89 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी विदाई की खबर सुनते ही धनबाद समेत पूरे कोयलांचल में शोक की लहर दौड़ गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वजह सिर्फ धर्मेंद्र का स्टारडम नहीं, बल्कि धनबाद से जुड़ी वो रोमांचक यादें हैं जिन्हें यहां के लोग आज भी ताजा करके मुस्कुराते और भावुक होते हैं। धर्मेंद्र का धनबाद से संबंध यूं तो फिल्मी दुनिया के जरिए बना, लेकिन जो वाकया यहां हुआ, उसने उन्हें शहर और तोपचांची झील से एक अनोखा रिश्ता दे दिया।
कहते हैं, उनकी एक नजर तोपचांची की खूबसूरती पर क्या पड़ी, ही-मैन ने रोमानियत के जोश में झील में छलांग ही लगा दी! वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। उनके प्रशंसक पल भर के लिए घबरा उठे, लेकिन धर्मेंद्र झील से मुस्कुराते हुए बाहर आ गए। यह घटना 1966 से पहले की बताई जाती है, जो आज भी लोगों की स्मृतियों में जीवित है।
‘मोहब्बत जिंदगी है’ की शूटिंग से बना रिश्ता
1966 में रिलीज हुई फिल्म ‘मोहब्बत जिंदगी है’ की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र पहली बार धनबाद आए थे। फिल्म के निर्माता केसी गुलाटी और निर्देशक जगदीश नरूला थे। इस फिल्म में धर्मेंद्र के साथ उस दौर की मशहूर अभिनेत्री राजेश्वरी और हास्य कलाकार महमूद भी थे।
शूटिंग के लिए कलाकार तोपचांची झील पहुंचे और यहां की वादियों, नीली झील और पहाड़ियों ने सभी को मोहित कर दिया। कई गाने इन वादियों में फिल्माए गए। हावड़ा-दिल्ली एनएच-2 पर बसी तोपचांची झील, धनबाद शहर से 30 किलोमीटर दूर है।
शूटिंग की खबर फैलते ही गांव-शहर से लोग यहां उमड़ पड़े थे। रोजाना झील के किनारे प्रशंसकों की भीड़ लग जाती, सिर्फ धर्मेंद्र और राजेश्वरी की एक झलक पाने के लिए।
खदानों में भी रची सिनेमाई कहानी
फिल्म का विषय मजदूरों के जीवन पर आधारित था, इसलिए शूटिंग सिर्फ झील के किनारे ही नहीं, बल्कि धनबाद की चांदमारी-9 नंबर खदान और लोदना की न्यू स्टैंडर्ड खदानों में भी हुई। बूढ़े गवाह आज भी बताते हैं कि कैमरों के बीच, कोयले की कालिमा में ढके असली मजदूरों के जीवन को चित्रित होते देख लोग रोमांचित हो उठते थे।
उत्तम कुमार भी मोहित, खरीद ली जमीन
धर्मेंद्र के बाद तोपचांची झील की सुंदरता टॉलीवुड यानी बांग्ला फिल्म जगत में भी छा गई। महानायक उत्तम कुमार इस कदर मंत्रमुग्ध हुए कि उन्होंने यहां जमीन तक खरीद ली। 1980-90 के दशक तक यह इलाका फिल्मों और कलाकारों का पसंदीदा ठिकाना बना रहा। |