अखिलेश यादव।
जागरण संवाददाता, आगरा। सपा को आगरा में नेतृत्व का इंतजार है। प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने जून में कार्रवाई करते हुए जिला व महानगर कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। प्रदेश कार्यकारिणी व फ्रंटल संगठनों में शामिल नेताओं को भी उनके पदों से हटा दिया गया था। छह माह होने को हैं, लेकिन न तो कार्यकारिणी की घोषणा की गई है और न पदों से हटाए गए नेताओं को कोई जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिना नेतृत्व के संगठन नेतृत्वविहीन नजर आ रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदेश अध्यक्ष ने जून में की कार्रवाई, पदाधिकारी हटाए थे
वर्ष 1992 से सपा आगरा में अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रयास कर रही है। वर्ष 1999 व 2004 में सपा की टिकट पर फिल्म अभिनेता राज बब्बर लोकसभा चुनाव जीतने में अवश्य सफल रहे थे, लेकिन इसमें उनकी व्यक्तिगत छवि का योगदान अधिक था। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन होने से सपा प्रत्याशी ने अच्छा प्रदर्शन कर दूसरा स्थान प्राप्त किया था।
दो जून को प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने जिला व महानगर कार्यकारिणी भंग कर दी थी। इसके साथ ही राज्य कार्यकारिणी व प्रकोष्ठों में शामिल आगरा के पदाधिकारियों व सदस्यों को हटा दिया गया था। तभी से कार्यकारिणी की घोषणा को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं।
अभी तक कार्यकारिणी घोषित नहीं हुई
पहले नवरात्र और फिर दीपावली तक कार्यकारिणी की घोषणा की चर्चा पार्टी में चली। इसके बाद दीपावली बाद घोषणा करने की बात कही गई। दीपावली हुए एक माह हो चुका है, लेकिन अभी तक कार्यकारिणी घोषित नहीं हुई है। वर्ष 2027 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें डेढ़ वर्ष से कम का समय है। ऐसे में पार्टी की तैयारी प्रभावित हो रही हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के लिए बीएलए बनाने में भी पार्टी पिछड़ गई है।
नेतृत्वविहीन नजर आ रहा है जिला व महानगर में संगठन
निवर्तमान जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा ने बताया कि आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट को छोड़कर जिले की अन्य पांचों सीटों पर बीएलए और प्रभारियों की तैनाती की जा चुकी है। निवर्तमान महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार ने बताया कि महानगर में आने वाली तीनों सीटों पर बीएलए बना दिए गए हैं। उन्हें एसआइआर में पीडीए मतदाताओं के फार्म भरवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। |