प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रहलाद पलसिया पहुंचे। जागरण
जागरण संवाददाता, शक्तिफार्म । सिडकुल फेस-2 में एक्वा पार्क परियोजना के विरोध में पिछले नौ दिन से चल रहे धरने को शुक्रवार को तब बड़ी राजनीतिक ताकत मिल गई, जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रहलाद पलसिया पहुंचे और आंदोलनरत ग्रामीणों व बंगाली समुदाय का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अब यह लड़ाई केवल प्रभावितों की नहीं बल्कि कांग्रेस की भी लड़ाई है। इस मुद्दे को वह प्रदेश स्तर पर बड़ा स्वरूप देंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पूर्व सीएम ने कहा कि बंगाली समाज को यहां बसाने का निर्णय भारत सरकार का था और कांग्रेस शासन के दौरान इन्हें पहचान, शिक्षा और योजनाओं का लाभ दिलाया गया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में शक्ति फार्म क्षेत्र में सड़कें, स्कूल और विकास कार्य हुए, बंगाली भाषा के विद्यालय खोले गए और शिक्षकों की नियुक्ति करवाई गई। छात्रवृत्ति योजना भी कांग्रेस शासन में शुरू हुई। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को जब तक वैकल्पिक भूमि आवंटित कर कानूनी अधिकार और सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जातीं तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रहलाद पलसिया में निवासरत परिवारों को हटाए जाने के निर्देशों पर पूर्व सीएम रावत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यशपाल आर्य के समय में तराई की जमीनों के नियमितीकरण का कैबिनेट निर्णय लिया गया था और कैबिनेट का फैसला कैबिनेट ही बदल सकती है। किसी मंत्री या अधिकारी को इसे बदलने का अधिकार नहीं। उन्होंने साफ कहा कि “पलसिया के परिवारों को कोई नहीं हटा सकता, जब तक उनकी सहमति न हो।”
उन्होंने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अवैध कार्रवाई जीवन भर पीछा करती है।
अपने संबोधन में हरीश रावत ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाली समाज को घुसपैठिया कहने वाले मुन्ना सिंह चौहान को इतिहास नहीं पता। कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे कांग्रेस में होते तो उन्हें “झुनझुना सिंह” बनाकर बाहर किया जाता। उन्होंने पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि यदि वे ईमानदार होते तो बंगाली समाज को अनुसूचित जाति की मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष करते। उन्होंने आंदोलनकारियों से आग्रह किया कि वे नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, तिलकराज बेहड़, गणेश गोदियाल समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से समर्थन लेते रहें। रावत ने कहा कि उनकी उम्र अब बहुत हो चुकी है, लेकिन यदि सरकार ने बलपूर्वक कार्रवाई की तो वे फिर मैदान में उतरने को मजबूर होंगे।
इस दौरान आंदोलन स्थल पर नगर पंचायत अध्यक्ष सुमित मंडल, पूर्व विधायक नारायण पाल, प्रेमानंद महाजन, उत्तम आचार्य, हरीश दुबे, गणेश उपाध्याय, त्रिनाथ विश्वास, तारक बाछाड़ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे। |