जोहांसबर्ग जी20 में ग्लोबल साउथ की आवाज बुलंद करेंगे पीएम मोदी (फाइल फोटो)
आइएएनएस, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
दक्षिण अफ्रीका में होने वाला यह शिखर सम्मेलन खास वजह से सुर्खियों में है- यह लगातार चौथा जी20 सम्मेलन है जिसे ग्लोबल साउथ के किसी देश में आयोजित किया जा रहा है और पहली बार किसी अफ्रीकी राष्ट्र की मेजबानी में हो रहा है। ऐसे में पीएम मोदी के संबोधन और उनके एजेंडा पर दुनिया की नजर रहेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा और आपदा जोखिम प्रबंधन पर मुख्य फोकस
विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि शिखर सम्मेलन की प्राथमिकताएं वही हैं, जो भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान तय की गई थीं। विदेश मंत्रालय के सचिव (ईआर) सुधाकर दलेला ने बताया कि सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा और आपदा जोखिम प्रबंधन पर मुख्य फोकस रहेगा।
पीएम मोदी का फोकस लगातार ग्लोबल साउथ से जुड़ी चुनौतियों और आकांक्षाओं को दुनिया के सामने रखने पर रहा है। भारत ने जी20 के मंच पर समावेशी विकास, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जलवायु वित्त और बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार जैसे मुद्दों को आगे बढ़ाया है।
भारत की अध्यक्षता में एक ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ
2023 के दिल्ली शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता में एक ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ कि अफ्रीकी संघ (एयू) को जी20 की स्थायी सदस्यता मिली, जिसे भारत ने सबसे अधिक जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया था।
इस कदम से जी20 की प्रतिनिधित्व और वैश्विक संतुलन का दायरा और बढ़ा।इस बीच, पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकातें और दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (आइबीएसए) नेताओं की बैठक वैश्विक हलकों में प्रमुख चर्चा का केंद्र होंगी।
उम्मीद है कि मोदी ग्लोबल साउथ की साझा प्राथमिकताओं और विकास-एजेंडा को एक बार फिर मजबूती से दुनिया के सामने रखेंगे।
जी20 सम्मेलन में शामिल होने पर अमेरिका का यू-टर्न
जी20 शिखर सम्मेलन की अगुवाई कर रहे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रैमफोसा ने दावा किया कि अमेरिकी सरकार ने देश में होनेवाले जी20 सम्मेलन के बहिष्कार को वापस लेने का मन बना लिया है। हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि सम्मेलन में अमेरिका का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
उन्होंने कहा कि हमें आखिरी वक्त में अमेरिका से इस संबंध में संदेश मिला है और हम तैयारी में जुट गए हैं। गौरतलब है कि इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन शनिवार से शुरू होगा। इससे पहले ट्रंप ने अल्पसंख्यकों के साथ ¨हसा का आरोप लगाते हुए सम्मेलन में शामिल होने से मना कर दिया था। |