जागरण संवाददाता, लखनऊ। तीन सप्ताह से लापता निगोहां के दखिना गांव निवासी किसान शिव प्रकाश उर्फ कबीर की हत्या कर उन्नाव के बीघापुर में शव को जला दिया गया था। निगोहां पुलिस ने सोमवार को घटना का राजफाश करते हुए प्रॉपर्टी डीलर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं, एक की तलाश में दबिश दी जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अपर पुलिस उपायुक्त(एडीसीपी) आर वसंत कुमार ने बताया कि करोड़ों रुपये की कीमत वाली विवादित जमीन के सौदे में मुकदमा हार जाने के डर से आरोपितों ने हत्या की थी। साक्ष्य मिटाने के लिए शव को जलाया था।
एडीसीपी ने बताया कि मामले में नगराम निवासी सुजीत कुमार श्रीवास्तव, पिंटू रावत, विनोद, लालू उर्फ नीरज कश्यप व राजू उर्फ राजकुमार को गिरफ्तार किया गया है। उनके मुताबिक, बीती 19 नवंबर को दखिना गांव निवासी सुरेंद्र कुमार ने अपने मित्र शिव प्रकाश उर्फ कबीर के लापता होने की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
मोबाइल सर्विलांस के जरिए उसकी लोकेशन 15 नवंबर को पहले त्रिवेदीपुर (रायबरेली) और फिर पाटन गांव, थाना बीघापुर (उन्नाव) में मिली। मौके पर पूछताछ के दौरान हाईवे किनारे एक पुरुष का अधजला शव मिलने की जानकारी हुई। परिवारीजन को बुलाकर शिनाख्त कराई गई, जिसमें शव शिव प्रकाश का पाया गया।
इसके बाद गुमशुदगी के मामले को हत्या में परिवर्तित कर कई टीमों को लगाने के साथ ही जांच की दिशा बदल दी गई। जांच में सामने आया कि शिव प्रकाश की मां सत्यवती के नाम करीब 44 बिसवा जमीन हाईवे के किनारे थी, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये है। वर्ष 2019 में मृतक के बड़े भाई शिव सहाय ने पावर आफ अटार्नी के जरिए यह जमीन मुख्य आरोपित सुजीत श्रीवास्तव और उसके साथी आशीष यादव को बेच दी थी।
बाद में शिव प्रकाश ने इस सौदे पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। आरोपितों ने यह जमीन एक प्लाटिंग कंपनी को भारी रकम में बेच दी थी। उन्हें आशंका थी कि शिव प्रकाश मुकदमा जीत गया, तो जमीन और पैसा दोनों लौटाने पड़ेंगे। इसी डर में हत्या की साजिश रची गई।
मना करने पर जबरन कार में बैठाया, भीतर ही दबा दिया था गला
एसीपी विकास पांडेय ने बताया कि दोनों आरोपित शिव प्रकाश को जबरन कार में बैठा ले गए। सीसी कैमरों से बचने के लिए सुनसान रूट चुना गया और भवरेश्वर मंदिर मार्ग की तरफ बढ़ते हुए कार के अंदर ही हाथ-पैर दबाकर उसका गला घोंट दिया। इसके बाद शव को उन्नाव के बीघापुर क्षेत्र में हाइवे किनारे एक खाई में फेंक कर पेट्रोल डालकर जला दिया गया। मोबाइल फोन और सिम तोड़कर रास्ते में ही फेंक दिए गए, ताकि पुलिस को सुराग न मिल सके।
फर्जी आइडी पर मोबाइल-सिम खरीदकर बनाया जाल, दोस्ती कर फंसाया
मुख्य आरोपित सुजीत ने मृतक से जुड़े परिचितों की आइडी का इस्तेमाल कर फर्जी मोबाइल नंबर व सिम खरीदे। उन्हीं नंबरों से आरोपित दिलीप ने लगातार बातचीत कर शिव प्रकाश से नजदीकियां बढ़ाईं। 15 नवंबर को लालपुर टावर के पास मिलने का झांसा देकर उसे बुलाया गया। |