संवाद सहयोगी, पुवायां। मीटर की जगह कैलकुलेटर की डिस्प्ले के फोटो से बिल निकालकर किए गए फर्जीवाड़े की जांच शुरू हो गई है। शुक्रवार को उपखंड अधिकारी व अवर अभियंता ने बंडा के ररुआ गांव में 11 उपभोक्ताओं के मीटरों की जांच की, जिसमें सात की रीडिंग स्टोर मिली। यानी काफी समय से उनके बिल नहीं बनाए गए थे। ऐसे में यहां के मीटर रीडर की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। अधीक्षण अभियंता ने हर संदिग्ध मीटर रीडर की जांच कराने के निर्देश दिए है। संस्था पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुवायां डिवीजन में पांच हजार से अधिक उपभोक्ताओं के मीटरों के डिस्प्ले की जगह कैलकुलेटर की डिस्प्ले का फोटो लगाकर रीडिंग डाल कर बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। जिले के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। विद्युत वितरण निगम बरेली के मुख्य अभियंता राघवेंद्र सिंह ने जांच कराई तो हकीकत सामने आ गई।
उन्होंने कार्यदाई संस्था मै. वैमू इनफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखकर गड़ब़ड़ी करने वाले मीटर रीडर की सेवा समाप्त व प्राथमिकी पंजीकृत कराने के निर्देश दिए। शुक्रवार को उपखंड अधिकारी राजू कुमार व अवर अभियंता सतीश चंद्र ने ररुआ गांव में जांच की। यहां सात उपभोक्ता ऐसे मिले जिनके लंबे समय से बिल नहीं निकाले गए थे। कुछ बिल मौके पर ही बनवाए गए है।
इसी तरह की गड़बड़ी अन्य गांवों में भी बताई जा रही है। जिससे उपभोक्ताओं के साथ-साथ विभाग को भी नुकसान हो रहा था। जिन उपभोक्ताओं के गलत बिल बनाए गए हैं उन्हें ठीक कराया जाएगा ताकि उपभोक्ताओं को नुकसान न उठाना पड़े। इसके अतिरिक्त संस्था पर जुर्माना भी लगाने की तैयारी है।जांच में कई अन्य कर्मचारियों की गड़बड़ी सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
संस्था पर जुर्माना लगाया जाएगा। हर संदिग्ध मीटर रीडर की जांच कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।- जागेश कुमार, अधीक्षण अभियंता |