Ram Mandir: राम मंदिर के ध्वजारोहण से जुड़ी प्रमुख बातें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के बाद, अब एक और ऐतिहासिक अनुष्ठान की तैयारी चल रही है। दरअसल, मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज का रोहण होने जा रहा है। यह अनुष्ठान (Ram Mandir Flag Hoisting) न केवल निर्माण कार्य की पूर्णता का प्रतीक होगा, बल्कि यह करोड़ों राम भक्तों के लिए आस्था और विजय का दूसरा सबसे बड़ा उत्सव होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ध्वजारोहण शुभ मुहूर्त
राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम 25 नवंबर 2025 यानी विवाह पंचमी के दिन आयोजित किया जाएगा।
ध्वजारोहण का धार्मिक महत्व
किसी भी मंदिर के शिखर पर ध्वज स्थापित करना केवल एक रस्म नहीं, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। ध्वजारोहण मंदिर के निर्माण कार्य की पूर्णता को दिखा रहा है। यह भक्तों की अटूट आस्था की विजय का प्रतीक है। शास्त्रों में माना जाता है कि मंदिर का शिखर ही वह है, जहां से दैवीय ऊर्जा मंदिर में प्रवेश करती हैं।
मंदिर का ध्वज दूर से ही भक्तों को भगवान की उपस्थिति का संकेत देता है। धर्म ध्वज को मंदिर का रक्षक भी माना जाता है। मान्यता है कि यह ध्वज मंदिर और उसके आस-पास के क्षेत्र को सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से सुरक्षित रखता है।
ध्वज पर बने चिन्हों का मतलब
राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज केसरिया रंग का होगा, जिस पर \“कोविदर वृक्ष\“, \“ओम\“ या भगवान सूर्य का प्रतीक चिन्ह अंकित होगा, जो भगवान राम के सूर्यवंशी होने का प्रतीक है। ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी। भगवा रंग का यह विशेष झंडा 42 फीट लंबे खंभे पर 360 डिग्री घूमने वाली व्यवस्था के साथ फहराया जाएगा।
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