फर्जी एप से भुगतान के बाद बैंक खाता में नहीं जुड़ रही रकम
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कुसम्ही बाजार के आजाद मेडिकल स्टोर पर काम करते हैं। मंगलवार को एक युवक बाइक से आया और 621 रुपये की दवा खरीदी। उसने मोबाइल से फोन-पे एप से भुगतान करने का दिखावा किया। मोबाइल फोन पर भुगतान की आवाज भी सुनाई दी। लेकिन, कुछ देर बाद जब आजाद ने बैंक खाता जांचा तो रुपये नहीं पहुंचे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि तीन अन्य दुकानदारों के साथ भी इसी तरह की ठगी हुई है। बाद में मालूम हुआ कि क्लोन एप के माध्यम से इस तरह की जालसाजी की जा रही है। कम पैसे का नुकसान होने की वजह से किसी ने प्राथमिकी नहीं दर्ज कराई। लेकिन, दुकानदार भयभीत हैं। लगभग हर भुगतान के बाद वे अपने बैंक खाता का विवरण जांच रहे हैं।
हाल के दिनों में क्लोन एप से ठगी के मामले बढ़े हैं। जालसाजी करने वाले अधिकतर दुकानदारों को ही निशाना बना रहे हैं। बाजार में कोई सामान खरीदने और होटल- रेस्टारेंट में नाश्ते के बाद फर्जी भुगतान करके चले जा रहे हैं।
साइबर थाना विशेषज्ञ दारोगा उपेंद्र सिंह ने बताया कि यह क्लोन एप से ठगी का मामला है। असली एप की तरह दिखने वाले फर्जी एप से साइबर अपराधी भुगतान में धोखा देते हैं। इसे स्पूफ कहा जाता है। उन्होंने बताया कि कई बार ये ठग दो एप रखते हैं।
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पकड़े जाने पर दूसरा एप दिखाकर कहते हैं कि तकनीकी त्रुटि से भुगतान नहीं हुआ, फिर भुगतान असली एप से कर देते हैं, ताकि उन पर कोई संदेह न हो। उन्होंने बताया कि इस तरह के चार-पांच मामले हर माह सामने आते हैं। कम रकम का नुकसान होने से लोग प्राथमिकी नहीं दर्ज कराते हैं।
साइबर विशेषज्ञ ने सलाह दी कि किसी भी डिजिटल भुगतान के बाद सिर्फ संदेश या आवाज पर भरोसा न करें, बल्कि तुरंत बैंक खाते में राशि की पुष्टि करें। इस संबंध में राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल करके तत्काल सूचना दें। |