जागरण संवाददाता, कानपुर। दिल्ली बम धमाके में आरोपित गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज में तैनात रहीं डाक्टर शाहीन के बाद कानपुर से एक और नाम जुड़ गया है। बुधवार देर शाम एटीएस ने हृदय रोड संस्थान (कार्डियोलाजी) से डीएम (डाक्ट्रेट आफ मेडिसन) की पढ़ाई कर रहे डाक्टर मोहम्मद आरिफ को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। डाक्टर आरिफ जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसी चर्चा कि डाक्टर शाहीन और डाक्टर आरिफ दोनों लंबे समय से एक दूसरे के संपर्क में थे और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। फिलहाल इस नए तथ्य के सामने आने के बाद ऐसा यह संभावनाएं और बढ़ गई हैं कि कानपुर में डाक्टर शाहीन वाले नेटवर्क से जुड़े कई और लोग भी सामने आ सकते हैं।
इस मामले में जांच से जुड़ी एजेंसियों ने मंगलवार को ही ऐसे संकेत दे दिए थे कि कानपुर में डाक्टर शाहीन का नेटवर्क अभी भी काम कर रहा था। वर्ष 2006 से वर्ष 2013 तक मेडिकल कालेज में तैनात रहने के दौरान शाहीन ने नई सड़क, पेंचबाज, यतीमखाना, दादा मियां, बेकनगंज, चमनगंज में अपने नेटवर्क खड़ा किया। मेडिकल कालेज में एकाकी रहने वाली यह महिला डाक्टर इन क्षेत्रों में बेहद सक्रिय थी। अब उस नेटवर्क का पर्दाफाश भी हो रहा है।
बुधवार की देर शाम एटीएस ने हृदय रोड संस्थान से डीएम की पढ़ाई कर रहे डाक्टर आरिफ को पूछताछ के लिए उठा लिया। कार्डियोलाजी में इस समय सात ऐसे छात्र हैं जो जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं और यहां से डीएम कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक आरिफ नीट एसएस-2024 बैच का छात्र है। वह अशोक नगर में किराए का कमरा लेकर रहता है। एटीएस ने उसे कमरे पर ही उठाया। हालांकि जांच एजेंसी ने इस तरह की किसी भी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन आरिफ का मोबाइल नंबर बंद आ रहा है और देर रात स्वरूप नगर पुलिस भी कार्डियोलाजी की इमरजेंसी पहुंची और डाक्टर आरिफ के बारे में जानकारी हासिल की। हालांकि उसके अशोक नगर वाले पते की जानकारी अभी पुलिस को नहीं लग सकी है।
सूत्रों के मुताबिक डाक्टर आरिफ और डाक्टर शाहीन दोनों लंबे समय तक एक दूसरे के संपर्क में थे। पुलिस ने शाहीन का जो मोबाइल बरामद किया है, उसमें डाक्टर आरिफ को लगातार एसएमएस किए जाने की बात सामने आ रही है। यह भी बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में कई और नाम भी शामिल हैं।
दोपहर की शिफ्ट में काम करके निकला था आरिफ
कार्डियोलाजी सूत्रों के अनुसार डाक्टर आरिफ ने बुधवार को भी इमरजेंसी में काम किया था। उसने दोपहर की शिफ्ट में काम किया और दोपहर चार बजे के बाद कार्डियोलाजी से बाहर निकका। माना जा रहा है कि इसी के बाद वह एटीएस के हत्थे चढ़ गया। आरिफ के साथ काम करने वाले डाक्टरों को भी विश्वास नहीं हाे रहा था कि वह ऐसा कर सकता है। देर रात तक इमरजेंसी में पहुंचने वाले डाक्टरों के बाद आरिफ की ही चर्चा होती रही।
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