राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में बर्खास्त डॉ. निसार को अल फलाह ने दी नौकरी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जिस डॉक्टर निसार उल हसन को राष्ट्र के लिए खतरा मानते हुए दो वर्ष पहले नौकरी से बर्खास्त कर दिया था, वह फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यलय में प्रोफेसर बन गया।
डॉ. निसार को भी लाल किला के बाहर हमला करने वाले डॉ. उमर का करीबी माना जा रहा है। डॉ. निसार की नियुक्ति को लेकर अल फलाह विश्वविद्यालय प्रशासन जांच के घेरे में आ गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश और अंसार गजवतुल हद जैसे आतंकी संगठनों के जिस माड्यूल का पर्दाफाश किया है, उसके अधिकांश सदस्य इसी विश्वविद्यालय से जुड़े निकले हैं। डॉ. उमर इसी संस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर था।
डॉ. मुजम्मिल व डॉ. शाहीन भी इसी संस्थान में थे। मूलत: बारामुला का रहने वाला डा. निसार उल हसन श्रीनगर स्थित एसएमएचएस अस्पताल में मेडिसन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पूरी जांच व सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर डॉ. निसार को वर्ष 2023 में बर्खास्त कर दिया था। डॉ. निसार को कट्टरपंथी अलगाववादी तत्वों का समर्थक माना जाता रहा है। हालांकि, बर्खास्तगी से एक दिन पूर्व ही उसे एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डॉ. निसार तीन दिन से लापता बताया जा रहा है। कुछ लोगों ने दावा किया है कि उसे भी हिरासत में लिया गया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही। डा. निसार वहां करीब डेढ़ वर्ष से पढ़ा रहा है।
चार वर्ष में 90 अधिकारी व कर्मी किए जा चुके बर्खास्त
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वर्ष 2021 से सरकारी विभागों में छिपे बैठे आतंकी समर्थकों के खिलाफ अभियान चला रखा है। अब तक ऐसे करीब 90 अधिकारियों व कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है। ऐसे लोगों की गतिविधियों की पहले पूरी जांच करावाने व सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर ही कार्यवाही की जाती है। |