दिल्ली लाल किला धमाका: सैन्य विस्फोटक से हड़कंप, पाक कनेक्शन?
नीलू रंजन/ राकेश कुमार। लाल किला के बाहर आइ-20 कार में हुए धमाके में हाई ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था। जांच से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि धमाके की तीव्रता और उससे हुए नुकसान से साफ है कि यह अमोनियन नाइट्रेट जैसे साधारण विस्फोटक से संभव नहीं है, जिन्हें आतंकियों के फरीदाबाद के ठिकाने से बरामद किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, आतंकी उमर और मुजम्मिल के तुर्किये जाने और वहां जैश ए मोहम्मद के हैंडलर्स के भी सबूत मिल रहे हैं। इससे साफ है कि लालकिला का धमाका भले ही हताशा में किया गया हो, लेकिन लंबी तैयारी यह थी कि 26/11 की तरह कई स्थानों पर एक साथ हमला कर दिल्ली को दहलाया जाए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मिलिट्री ग्रेड विस्फोटक की पुष्टि होने की स्थिति में इसके पीछे पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। अगर यह पुष्ट होता है तो इस घटना की प्रतिक्रिया का रूप भी अलग हो सकता है।
फारेंसिक जांच से खुलेगा विस्फोटक का राज
धमाके वाली क्षतिग्रस्त कार के सभी पार्ट्स को मंगलवार देर रात ट्रक में डालकर जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में ले जाया गया। वहां एफएसएल की टीम, सीबीआइ और एनआइए की फोरेंसिक टीम कार से नमूने उठाकर जांच कर रही है।
एक्सपर्ट का कहना है कि धमाके के बाद सभी वाहनों में लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशमन कर्मियों को पानी इस्तेमाल करना पड़ा। इससे विस्फोटक में इस्तेमाल केमिकल धूल गए या क्षतिग्रस्त हो गए। इसकी वजह से तीन दिन बाद भी विस्फोटक के बारे में निष्कर्ष तक नहीं पहुंच जा सका है।
200 नमूनों की होगी लैब में जांच
धमाके में क्षतिग्रस्त अन्य सभी वाहनों के अलावा आसपास की जमीन व अन्य जगहों से नमूने उठाने और जांच करने का काम किया जा रहा है। मौके से करीब 200 से अधिक नमूने उठाए गए हैं जिनकी लैब में जांच की जा रही है और मौके पर भी फोरेंसिक वैन में नमूने की जांच की जा रही है। मिलिट्री ग्रेड का विस्फोटक इस्तेमाल होने की पुष्टि होने की स्थिति में इसके पीछे पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता की आशंका बढ़ जाएगी।
पाकिस्तान से मिल रहे थे निर्देश
जांच से पता चला कि जैश आतंकियों ने दिल्ली-एनसीआर के शहरों में भारी तबाही मचाने की बड़ी साजिश रची थी। इनकी साजिश बीते 26 जनवरी को लाल किला व दीपावली त्योहार के दौरान प्रमुख बाजारों में सीरियल धमाका करने की थी, लेकिन तैयारियां पूरी न होने के कारण इन्होंने अंतिम समय में अपने टारगेट को रद कर दिया था।
ये लोग किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे पाते इससे पहले पुलवामा में जैश ए मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जब पुलवामा से लेकर दिल्ली-एनसीआर में आतंकियों की धर पकड़ शुरू कर दी तब हताशा में डा. उमर नबी ने सोमवार शाम लाल किला के बाहर आत्मघाती हमला कर दिया।
जनवरी में लाल किले के पास धमाके की थी साजिश
जांच में सामने आया है कि इस मोड्यूल का हैंडलर पाकिस्तान से इन्हें निर्देश दे रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लाल किला के बाहर बीते जनवरी के पहले हफ्ते में डा. उमर नबी ने अपने साथी डा. मुजम्मिल के साथ मिलकर लाल किले की रेकी की थी। उसके बाद उन्होंने 26 जनवरी के दिन वहां धमाका करने की योजना बनाई थी। डा. मुजम्मिल से पूछताछ के बाद उसके व डा.उमर के मोबाइल फोन के लाल किला के पास डंप डाटा उठाने से इसकी जानकारी मिली है।
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि इनकी योजना इंडिया गेट, कंस्टीच्यूशन क्लब व गौरी शंकर मंदिर, सरोजनी नगर मार्केट, लाजपत नगर मार्केट व सदर बाजार आदि बाजारों में सीरियल ब्लास्ट करने की थी।
लाल इकोस्पोर्ट कार की हुई बरामदगी
बुधवार को पुलिस को नया इनपुट मिला कि फरीदाबाद से सोमवार सुबह डा.उमर नबी जब दिल्ली की सीमा में प्रवेश किया था तब उसके पीछे लाल रंग की इको स्पोर्ट्स कार में उसके दो अन्य साथी भी दिल्ली की सीमा में प्रवेश किए थे। बदरपुर टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरों में उनकी भी तस्वीरें कैद हुई है। यह कार भी उमर नबी के नाम पर राजौरी गार्डन के पते पर पंजीकृत है। इस लाल कार को बुधवार शाम को बरामद कर लिया गया है।
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