दिल्ली के लाल किला विस्फोट की जांच में अब तक एक कट्टरपंथी नेटवर्क की खौफनाक तस्वीर सामने आई है, जिसने कथित तौर पर पूरे भारत में बड़े पैमाने पर हमलों की योजना बनाई थी। CNN-News18 ने जांचकर्ताओं के हवाले से बताया कि श्रीनगर और अनंतनाग की दो महिला डॉक्टरों सहित मुख्य सदस्यों को मौलवी इरफान के अंडर प्रशिक्षित किया गया था। ऐसा माना जाता है कि इरफान ने कश्मीर में अपनी अस्पताल की नौकरी के दौरान उन्हें कट्टरपंथी बनाया था।
शीर्ष सूत्रों केत अनुसार, मौलवी इरफान ने ग्रुप को \“गजवा-ए-हिंद\“ की कॉन्सेप्ट सहित चरमपंथी विचारधाराओं से परिचित कराया और हिंदू विरोधी भावनाएं फैलाईं। इसके बाद कट्टरपंथी सदस्यों को पूरे भारत में “ओपन स्लीपर सेल“ बनाने, और ज्यादा सहयोगियों की भर्ती करने और अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया गया।
लॉन्ग टाइम टारगेट रणनीतिक ठिकाने
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अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक गिरफ्तार किए गए लोग उस मुख्य समूह का हिस्सा हैं, जिसने संभावित हमलों की योजनाबद्ध योजना बनाना शुरू कर दिया था। एक सूत्र ने बताया, “उन्हें साफ पता था कि बेतरतीब ढंग से हमला करने से उनका मकसद पूरा नहीं होगा। वे समझते थे कि दिल्ली सत्ता का केंद्र है, और उनका लॉन्ग टाइम टारगेट रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाना था।“
जांच का मुख्य केंद्र गिरफ्तार महिला डॉक्टरों में से एक की जुड़ी ब्रेजा कार है। जांचकर्ताओं को शक है कि गाड़ी में विस्फोटक सामग्री हो सकती है, और उसकी तलाश के लिए कई टीमें लगाई गई हैं। मंगलवार को गिरफ्तार की गई डॉक्टर के पास कथित तौर पर एक दूसरी ब्रेजा कार भी थी, जो अभी तक बरामद नहीं हुई है।
तुर्की में हैंडलर से की मुलाकात
इस बीच, खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की है कि दो प्रमुख आरोपी, आदिल और मुजम्मिल, इस साल की शुरुआत में तुर्की गए थे, जहां उनकी मुलाकात कथित तौर पर उनके हैंडलर से हुई थी। एजेंसियों को पता चला है कि हैंडलर ने तुर्की में उनके ठहरने और आने-जाने का इंतजाम किया था, जो एक संगठित अंतरराष्ट्रीय समर्थन ढांचे का संकेत देता है।
डिजिटल फोरेंसिक विश्लेषण ने शक को और पुख्ता कर दिया है। जांचकर्ताओं ने दोनों महिला डॉक्टरों के बीच 400 से ज्यादा एन्क्रिप्टेड चैट एक्सचेंज बरामद किए हैं, जिनमें उन्होंने फंड ट्रांसफर, लॉजिस्टिक्स और संभावित सुरक्षित ठिकानों पर चर्चा की थी। कथित तौर पर, डॉक्टरों में से एक को 2023 और 2024 के बीच इस्तांबुल और दोहा से डिजिटल वॉलेट के जरिए कई विदेशी धन प्राप्त हुए, जिनके बारे में माना जाता है कि वे अपनी गतिविधियों के लिए पैसा जुटा रहे थे।
ढाका मेडिकल कॉलेज से की MBBS
दोनों महिलाओं ने बांग्लादेश के ढाका मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री पूरी की थी और श्रीनगर में अपनी इंटर्नशिप के दौरान मौलवी इरफान के संपर्क में आईं। ये एक ऐसा दौर था, जिसे अब जांचकर्ता उनके कट्टरपंथ में “टर्निंग पॉइंट“ की तरह मान रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि यह नेटवर्क बेहद संगठित, डिजिटल रूप से एक्टिव और विदेशों से वित्तीय सहायता प्राप्त था, जो एक गहरी और बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है जिसकी अभी भी जांच चल रही है। खुफिया एजेंसियां अब तुर्की और कतर के संबंधों के साथ-साथ समूह के भारत ऑपरेशन के लिए पैसे के सोर्स की भी जांच कर रही हैं।
ब्रेजा गाड़ी की तलाश
जैसे-जैसे विस्फोटकों से लदी ब्रेजा की तलाश तेज होती जा रही है, अधिकारी डिजिटल ट्रेल्स, पैसे का रिकॉर्ड और एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन चैनलों की जांच भी कर रहे हैं, ताकि इस नए लेकिन खतरनाक स्लीपर सेल नेटवर्क में और ज्यादा एक्टिव लोगों की पहचान की जा सके।
हरियाणा के फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद होने के कुछ ही घंटों बाद, सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक “धीमी रफ्तार से चलती” कार में विस्फोट होने से 12 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। इस बरामदगी ने डॉक्टरों से जुड़े एक बड़े घातक आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया था, जो कथित तौर पर पूरे भारत में हमलों की योजना बना रहे थे।
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