सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए कर्मियों की सतर्कता की वास्तविक स्थिति का होगा आकलन। आर्काइव
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। दिल्ली में हुए बम धमाके के बाद उत्तराखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर आ गई है। प्रदेश की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय व अंतरजनपदीय से जुड़ी हैं, ऐसे में सीमाओं पर जवानों की मुस्तैदी देखने के लिए टीम अचानक चेकिंग करेगी। टीम देखेगी कि इन सीमाओं पर जवान कितनी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं और आने-जाने वालों पर किस तरह से नजर रखी जा रही है। इस दौरान यह टीम सुरक्षा व्यवस्था का रिव्यू भी करेगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदेश में जिला चंपावतर अंतरराष्ट्रीय बार्डर पर है, जहां पर नेपाल से लोगों का आवागमन लगा रहता है। इसके अलावा 95 अंतरराज्यीय सीमाएं हैं। प्रदेश के 336 चेकपोस्ट हैं, जहां पर पुलिस टीमें चेकिंग करती हैं। अमूमन बड़े आयोजन या चुनाव के दौरान पुलिस सीमाओं पर ड्रोन से भी निगरानी रखती है। यह ड्रोन कंट्रोल रूम से लिंक हैं। यह ड्रोन उन जगहों पर लगाए गए हैं, जहां पर पुलिस का पहुंचना मुश्किल होता है।
दिल्ली धमाके बाद अब सीमाओं पर तैनात पुलिस और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी अब जांच के दायरे में आने वाली है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आने वाले दिनों में सीमावर्ती इलाकों में औचक निरीक्षण किया जाएगा। इसका उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाना तथा चौकियों पर तैनात कर्मियों की सतर्कता की वास्तविक स्थिति का आकलन करना है। मंगलवार को एडीजी डा. वी मुरुगेशन ने निदेश दिए कि सीमाओं पर तैनात जवानों की उपस्थिति, गश्त व्यवस्था और चौकियों की कार्यप्रणाली की गहन जांच की जाए।
सीमाओं पर तैनात कर्मियों व एंट्री की होगी जांच
जांच टीम सीमा चौकियों पर पहुंचकर न केवल तैनात कर्मियों की ड्यूटी उपस्थिति की जांच करेगी, बल्कि रजिस्टर, आगंतुकों की एंट्री, सीसीटीवी कैमरे, वायरलेस सेट की कार्य स्थिति और गश्त के रिकार्ड को भी खंगालेगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि रात के समय पेट्रोलिंग कितनी प्रभावी है और सीमावर्ती गांवों में संदिग्ध गतिविधियों पर कितना ध्यान दिया जा रहा है।अधिकारियों का कहना है कि औचक निरीक्षण से न केवल सीमाओं की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि जवानों की जिम्मेदारी और तत्परता में भी बढ़ोतरी होगी। सीमाओं पर सक्रियता बनाए रखने के लिए यह कदम सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है।
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सीमाओं पर तैनात जवानों की मुस्तैदी की जांच के लिए एक टीम गठित की जाएगी। यह टीम अचानक चेकिंग कर वहां पर रिकार्ड भी चेक करेगी। सीमा पर एक-एक वाहन चेक करना मुश्किल है, लेकिन शक होने पर संदिग्ध के वाहनों की चेकिंग की जाती है। -
- डा. वी मुरुगेशन, एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था |