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राजस्थान से ओडिशा का ठग गिरफ्तार, CBI ने 3.7 करोड़ नकद, 1 किलो सोना और लग्जरी कारें की जब्त

LHC0088 2025-11-12 16:07:25 views 943

  

ओडिशा का ठग गिरफ्तार



जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को ओडिशा निवासी अजीत कुमार पात्र को गिरफ्तार किया है, जिस पर यह आरोप है कि उसने खुद को वरिष्ठ जीएसटी अधिकारी और अन्य शीर्ष सरकारी अधिकारियों के रूप में पेश कर व्यापारियों से भारी रकम वसूली की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सीबीआई ने बताया कि पात्र को राजस्थान में 18 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया, जिसके बाद दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा में की गई छापेमारी के दौरान 3.7 करोड़ रुपये नकद, एक किलो से अधिक सोना और कई लग्जरी वाहन जब्त किए गए।
राजस्थान में सीबीआई का जाल और गिरफ्तारी

रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब विश्वसनीय सूचना मिली कि पात्र और उसके सहयोगी मिंकू लाल जैन जयपुर के एक व्यवसायी से टैक्स अधिकारियों के साथ “मामला निपटाने” के नाम पर रिश्वत मांग रहे थे।

व्यवसायी के ठिकानों पर 4 नवंबर को डीजीजीआई (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस), जयपुर ने छापा मारा था। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए व्यवसायी ने पात्र से संपर्क किया, जिसने खुद को जीएसटी और प्रवर्तन एजेंसियों के उच्च अधिकारियों से जुड़ा बताकर प्रभाव दिखाया।

इसके बाद पात्र और जैन ने 18 लाख रुपये रिश्वत की मांग की, जो व्यवसायी के सहयोगी जगजीत सिंह गिल के माध्यम से दी जानी थी। सीबीआई ने सूचना पर कार्रवाई करते हुए 10 नवंबर को जाल बिछाया और दोनों को चिन्हित नोटों के साथ पकड़ लिया। मौके से रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई।
तीन राज्यों में छापा

गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा में पात्र और जैन से जुड़े 20 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

जांच के दौरान अधिकारियों ने 3.7 करोड़ रुपये नकद, लगभग 1 किलो सोने के आभूषण, पात्र और उसके रिश्तेदारों के नाम पर 26 संपत्ति दस्तावेज और 16 वाहन, जिनमें 4 लग्जरी कारें शामिल हैं, जब्त कीं। इसके अलावा कई डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज और फर्जी पहचान पत्र भी मिले हैं।फर्जी पहचान बनाकर ऊंचे स्तर तक पहुंच

अधिकारियों के अनुसार, पात्र कई फर्जी पहचान बनाकर काम करता था और कभी खुद को सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड), कभी वित्त मंत्रालय या अन्य प्रवर्तन एजेंसियों का अधिकारी बताता था।

इन फर्जी पहचान पत्रों के दम पर वह प्रतिबंधित सरकारी दफ्तरों में प्रवेश करता, सरकारी गेस्ट हाउसों में रुकता और वीआईपी मेहमानों जैसा व्यवहार प्राप्त करता था।
जांच जारी

ताजा जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने पात्र और जैन दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि उनके नेटवर्क की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके और उन अन्य लोगों की पहचान की जा सके जो इस रैकेट से जुड़े हुए हैं।
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