कपूरथला में बढ़ रहे डॉक्टरों पर हमले, मरीज की हालत बताने पर परिजनों ने कर दी पिटाई; सुरक्षा बढ़ाने की मांग

cy520520 2025-11-12 02:37:55 views 784
  

सिविल अस्पताल में बढ़े डॉक्टरों पर हमले, पुलिस मौन (प्रतीकात्मक फोटो)



नरेश कद, कपूरथला। सिविल अस्पताल कपूरथला में डाक्टरों पर मरीजों के परिजनों के हमले के मामले बढ़ रहे हैं। एक बार फिर रविवार की रात अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में मरीज के परिजनों ने उस समय कर दिया, जब एक महिला मरीज की नाजुक हालत की जानकारी देने पर परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर से ही मारपीट शुरू कर दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यहीं नहीं, हमले के बाद परिजन महिला की फाइल और रिपोर्ट लेकर फरार हो गए। इस घटना के बाद से सिविल के डाक्टर बेहद खौफजदा हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अब इलाज से ज्यादा उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सताती है।

सिविल अस्पताल की एसएमओ डॉ. परमिंदर कौर ने बताया कि एक मरीज रज्जी पत्नी मनप्रीत सिंह निवासी सुल्तानपुर लोधी को वहां के कपूरथला रैफर किया गया था। जांच में पाया गया कि महिला के पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है।

इस पर जब ड्यूटी डॉक्टर ने यह जानकारी देते हुए मरीज को आगे रैफर करने की सलाह दी तो परिजन भड़क उठे और डॉक्टर से हाथापाई कर बैठे। इसके बाद परिजन महिला को लेकर फरार हो गए।

उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की सूचना सिविल सर्जन डॉ. संजीव भगत को दे दी गई है। ड्यूटी डॉक्टर की एमएलआर कटवाकर थाना सिटी कपूरथला को भेज दी गई है और पुलिस जांच शुरू कर चुकी है।

कई डॉक्टरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। एक ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि “रात की ड्यूटी में कई बार शराब के नशे में लोग इलाज को लेकर झगड़ा करते हैं।

सुरक्षा कर्मी न के बराबर हैं, पुलिस भी ज़्यादातर समय नहीं रहती है। अब इलाज करने से पहले यह डर रहता है कि कहीं कोई हमला न कर दे। अस्पताल के अन्य कर्मचारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में तीन से चार बार डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के साथ हाथापाई की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

उन्होंने मांग की है कि अस्पताल में 24 घंटे पुलिस चौकी या स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की जाए, जिससे ऐसी घटनाओं को पुनरावृत्ति न हो। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सुरक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो वे प्रतीकात्मक हड़ताल या विरोध प्रदर्शन का रुख अख्तियर करने को विवश होंगे।

इससे पहले तीन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। कुछ महीने पहले इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज के परिजन ने नर्स से बदसलूकी की। जुलाई में टीकाकरण केंद्र पर बहस के बाद एक महिला कर्मचारी को धक्का दिया गया।

अक्टूबर में भी एक डॉक्टर पर इलाज में देरी का आरोप लगाकर गाली-गलौज की गई थी। इन सभी मामलों में पुलिस ने मामूली शिकायत दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

एसएमओ डा. परमिंदर कौर ने कहा कि हम जनता की सेवा करते हैं, दुश्मनी नहीं। अगर डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो मरीजों का इलाज कैसे होगा? प्रशासन को तुरंत सिविल अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”

डीएसपी सब-डिवीजन डॉ. शीतल सिंह ने कहा कि अस्पताल में हुई मारपीट की घटना को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि “किसी भी सरकारी डॉक्टर या अस्पताल स्टाफ के साथ मारपीट या अभद्र व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस मामले में संबंधित थाने को जांच के निर्देश दिए गए हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” डीएसपी ने यह भी कहा कि पुलिस विभाग अब सिविल अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर विचार कर रहा है।

अस्पताल परिसर में पुलिस की नियमित पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ-साथ रात को विशेष गश्त लगाई जाएगी। उन्होंने अपील की कि अस्पताल में आने वाले लोग संयम और धैर्य बनाए रखें और किसी भी शिकायत को कानूनी प्रक्रिया के तहत उठाएं, न कि हिंसा का रास्ता अपनाएं।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
138661

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com