दिल्ली धमाके में यूपी के पांच लोगों की मौत, दो दोस्तों ने एक साथ गंवाई जान, दिनेश के गांव में पसरा मातम

deltin33 2025-11-11 23:38:27 views 1246
  



डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बीते सोमवार का दिन दिल्ली के लिए एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा। लाल किला मेट्रो स्टेशन के नजदीक कार में हुए धमाके में नौ लोगों की मौत (रिकॉर्ड के अनुसार) हुई, जिसमें से पांच लोग उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इन पांच लोगों में दो अमरोहा जिले के अशोक, लोकेश, मेरठ के मोहसिन, श्रावस्ती के दिनेश और शामली के नोमान हैं। हादसे में मारे गए लोगों के घर और गांव में मातम पसरा हुआ है। आइए आपको बताते हैं इन पांच मृतकों के बारे में–

सामान खरीदने दिल्ली गया था नोमान

शामली के झिंझाना निवासी 22 वर्षीय नोमान अंसारी कस्बे में कॉस्मेटिक की दुकान करता था। सोमवार शाम वह अमन के साथ सामान खरीदने दिल्ली गया था। पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने के बाद वहां से निकल रहे थे कि इस दौरान तेज धमाका हुआ, जिसमें नोमान की मौत हो गई, जबकि उसका अमन गंभीर घायल हो गया।

घटना की सूचना से स्वजन में कोहराम मच गया। परिवार के कुछ लोग दिल्ली के लिए रवाना हो गए है। सूचना मिलने पर सीओ कैराना, झिंझाना पुलिस भी नोमान के घर पहुंची और मामले की जानकारी ली।

  

तीन घंटे तक मोहसिन के शव की तलाश

वहीं, मेरठ के न्यू इस्लामनगर गली नंबर-28 निवासी मोहसिन पुत्र रफीक दो साल पहले पत्नी सुलताना दो बच्चों के साथ दिल्ली में जामा मस्जिद स्थित पत्ता मोहल्ले में किराये के मकान में रहता था।  

रोजाना की यह सोमवार को ई रिक्शा चलाने के लिए गया था। शाम को एक कार में धमका हुआ, जिसकी चपेट में मोहसिन भी आ गया था और उसकी मौत हो गई।

मोहसिन के भाई का कहना है कि करीब तीन घंटे तक तलाश के बाद भाई का शव मिला। वहां पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को लेकर मेरठ आ गए। जिस दौरान शव को लेकर मेरठ आ रहे थे। उस दौरान मोहसिन की पत्नी सुल्ताना ने शव लेकर जाने का विरोध किया और गाड़ी के आगे लेट गई।

पत्नी सुल्ताना चांदनी महल थाने पहुंची ओर शव को दिल्ली लाने की जिद कर रही। इसी के चलते फिलहाल पुलिस ने मोहसिन के परिवार को शव देने से इन्कार कर दिया है उसकी पत्नी को बुलाने जद्दोजहद की जा रही है।

समधन का हाल जानने पहुंचे थे लोकेश

अमरोहा के हसनपुर निवासी खाद विक्रेता लोकेश अग्रवाल अपनी समधन शशि अग्रवाल का कुशलक्षेम जानने दिल्ली पहुंचे थे। वह अपने घर में गिर गई थी, जिससे उनके दिमाग की नस फट गई थी। उनका दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा है।  

  

दिल्ली पहुंचने पर लोकेश ने दिल्ली में रह रहे अपने दोस्त अशोक को फोन करके लाल किला मेट्रो स्टेशन बुला लिया था। वहां से दोनों को सर गंगा राम अस्पताल जाना था लेकिन, इस दौरान धमाका होने से दोनों की जान चली गई।  

लोकेश ने अपने पीछे बेटे गौरव, सौरभ और बेटी दिव्या को छोड़ा है। पत्नी की कई वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। मंगलवार सुबह दिन निकलते ही दोनों के घरों पर स्वजन को सांत्वना देने को लोगों की भीड़ जुट गई।

तीन मासूम बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

दिल्ली धमाके में श्रावस्ती के दिनेश कुमार की मौत हो गई, जिससे उनके गांव में मातम पसर गया है। दिनेश की मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया है। पति की मौत के सदमे में पत्नी रीना देवी बार-बार मूर्छित हो रही है।  

तीन मासूम बच्चे (एक बेटा हिमांशु आठ वर्ष, दो बेटियां बिट्टा सात व सृष्टि चार वर्ष) के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। बूढ़े पिता भूरे मिश्रा की आंखें सदमे से सूख गई हैं।

  

दिनेश के पिता भूरे ने बताया कि उन्हें टेलीविजन पर दिल्ली में हुए धमाके की जानकारी मिली। तुरंत बड़े बेटे को फोन कर तीनों बेटों का कुशलक्षेम जानना चाहा। दिनेश का फोन मिलाने की कोशिश की तो फोन बंद बता रहा था। बाद में सूचना मिली कि धमाके में मरने वालों में बेटे दिनेश का नाम भी शामिल है।
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