LHC0088 • 2025-11-11 22:08:01 • views 350
अर्थदंड की धनराशि जमा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। साढ़े 15 वर्ष पूर्व पिपरी पुलिस द्वारा 300 ग्राम नाजायज हेरोइन के साथ गिरफ्तार किए गए गाजीपुर के भावरकोल थाना क्षेत्र के माचा गांव निवासी विश्वामित्र राय को दोषसिद्ध पाकर विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट आबिद शमीम की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके ऊपर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की धनराशि जमा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 31 मार्च 2010 को पिपरी सीओ संजय चौधरी पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र व वांछित अभियुक्तों की तलाश में थे। मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ हेरोइन तस्कर किसी वाहन की तलाश में हैं जो राबर्ट्सगंज होते हुए बाहर जाएंगे।
अगर मौके पर पहुंचा जाए तो पकड़े जा सकते हैं। इस सूचना पर विश्वास करके पुलिस बल के साथ पिपरी पुलिस, कोन पुलिस को वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग स्थित क्रिया कुटी तिराहे पर पहुंचने को कहा गया। तभी तस्कर को पुलिस बल ने गिरफ्तार कर लिया।
उसके कब्जे से 300 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद की गई। इसी मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अभियुक्त विश्वामित्र राय निवासी मांचा, थाना भांवरकोल, जिला गाजीपुर हाल पता आश्रम मोड़, थाना दुद्धी, जिला सोनभद्र का चालान कर दिया गया।
विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक द्वारा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने विश्वामित्र को दोषी पाया। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील शशांक शेखर मिश्र ने बहस की। |
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