हापुड़ में एनजीटी के आदेश के बाद मदर डेयरी के पिलखुवा स्थित प्लांट को बंद कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, हापुड़। मदर डेयरी का पिलखुवा स्थित प्लांट सोमवार को बंद कर दिया गया। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने पर प्लांट को बंद करने का आदेश दिया था। यह आदेश 28 अक्टूबर को जारी हुआ था, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। जिलाधिकारी (डीएम) ने सात नवंबर को पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को मदर डेयरी का बिजली कनेक्शन काटने के आदेश भी दिए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके बावजूद आपूर्ति नहीं काटी गई। डेयरी प्रबंधन से मिलीभगत कर आपूर्ति चालू रखी गई। सोमवार को डीएम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए तत्काल कनेक्शन काटने के आदेश दिए। इसके बाद शाम को एक्सईएन की टीम ने मदर डेयरी प्लांट का कनेक्शन काट दिया। इससे पहले डेयरी प्रबंधन ने एक चैंबर का कनेक्शन काटने का अनुरोध किया, जिस पर तीखी बहस हुई। अंतत: कनेक्शन काट दिया गया।
यह है मामला?
मैसर्स मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के पिलखुवा स्थित प्लांट पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को भी शिकायत भेजी गई थी। इसी के चलते, एनसीआर एक्यूआईएम आयोग के उड़नदस्ते ने 20 अक्टूबर को प्लांट पर छापा मारा। टीम को प्लांट में नियमों का उल्लंघन मिला।
प्लांट के मिल्क चैंबर से प्रदूषण फैल रहा था। प्रबंधन स्थापित प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन नहीं कर रहा था। एक्यूआईएम (वायु गुणवत्ता सूचकांक प्रबंधन आयोग) के सदस्य-सचिव तरुण कुमार पिथोड़े ने जाँच के दौरान पाया कि प्रदूषण नियंत्रण उपकरण काम नहीं कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप वायु प्रदूषण नियंत्रण कानूनों, नियमों और विनियमों का पालन नहीं हो रहा था। आयोग के उड़नदस्ते के निरीक्षण निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं लिया गया।
नतीजतन, आयोग ने 28 अक्टूबर को मदर डेयरी प्लांट को बंद करने का आदेश दिया। आदेश की एक प्रति डेयरी प्रबंधन के साथ-साथ हापुड़ के जिलाधिकारी, एनजीटी के अध्यक्ष और पावर कॉर्पोरेशन के एमडी को भी भेजी गई। नतीजतन, मदर डेयरी प्लांट को बंद करने के सख्त आदेश जारी किए गए। इसके बावजूद, कनेक्शन नहीं काटा गया। पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारी लगातार यह दावा करते रहे कि उन्हें आदेश नहीं मिले हैं। इस बीच, प्लांट मैनेजर जगदीश राणा ने कहा कि वह शहर से बाहर थे और उन्हें कनेक्शन काटे जाने की जानकारी नहीं थी।
डीएम द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद अधिकारी जागे
मदर डेयरी प्रबंधन ने तर्क दिया कि यह प्लांट केवल एक औद्योगिक इकाई नहीं है। 12 लाख से ज़्यादा पशुपालकों की अर्थव्यवस्था इससे जुड़ी है। प्लांट के 638 कर्मचारियों की आजीविका भी इससे जुड़ी है। डेयरी को बंद करने से प्रतिदिन उत्पादित होने वाले 10 लाख लीटर दूध के भविष्य पर भी विचार करना होगा।
हालाँकि, आरोप लग रहे थे कि प्रबंधन पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके कनेक्शन नहीं काटने दे रहा था। डीएम ने सोमवार दोपहर डीएम कार्यालय से 7 नवंबर को भेजे गए आदेशों का हवाला देते हुए कड़ी नाराजगी जताई। उसके बाद ही पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए बिजली आपूर्ति काट दी।
हमें आज बिजली काटने का आदेश मिला। आदेश में मदर डेयरी के प्लांट को बंद करने की बात कही गई है। नतीजतन, पूरे प्लांट की बिजली आपूर्ति काट दी गई है। डेयरी प्रबंधन ने एक कक्ष की बिजली आपूर्ति काटने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसा आदेश नहीं था। निर्देशानुसार कनेक्शन काट दिया गया है। कारखाने का एक हिस्सा अब सौर ऊर्जा से चल रहा है।
- मनीष यादव |