Bihar Chunav 2025 : गया के बाराचट्टी में नया राजनीतिक संतुलन: स्वर्ण, ईबीसी और वैश्य मतदाता बनेंगे किंगमेकर

LHC0088 2025-11-10 20:42:57 views 564
  

गांव में ही मतदान केंद्र बनने से मतदाताओं में खुशी



संवाद सूत्र, इमामगंज (गया)। गया जिले के इमामगंज प्रखंड मुख्यालय से लगभग तीस किलोमीटर दूर बसा हेरहंज, केवलडीह व पथरा के ग्रामीण इस बार बीस वर्षों के बाद विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे। क्योंकि यह क्षेत्र काफी नक्सल प्रभावित माना जाता था। परंतु केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा चलाए गए कार्यक्रमों से यह क्षेत्र नक्सल मुक्त बन गया। यही कारण रहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में राजकीय मध्य विद्यालय पथरा-1 में दो बूथ क्रमशः 202 और 203 बनाया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इमामगंज निर्वाचन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मतदान केंद्र 202 पर पुरुष 365 व महिला 337 कुल 702 मतदाता और मतदान केंद्र संख्या 203 पर पुरुष 344 व महिला 304 मतदाता मतदान करेंगे।

अगर आबादी की बात करे तो तीनों गांवों से मिला कर 3 हजार 500 सौ ग्रामीण निवास करते है। जिसमें सबसे ज्यादा मांझी समाज के लोग निवास करते है।

इस संबंध में सलैया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संतन पासवान ने बताया कि वर्ष 2005 में विधानसभा चुनाव के बाद सुरक्षा के दृष्टिकोण से 12 किलोमीटर दूर सलैया मध्य विद्यालय में बूथ को स्थानांतरित कर दिया गया था।

तब से लगभग 20 वर्षों के बाद पुनः राजकीय मध्य विद्यालय पथरा-1 में मतदान केंद्र बनाया गया है। इधर बीस वर्षों के बाद मतदान केंद्र बनाए जाने से मतदाताओं में काफी खुशी देखी जा रही है।

ग्रामीण असलम शाह, छोटू शाह, राजेश पासवान, अनिल पासवान, उपेंद्र प्रसाद, देवनंदन साव, ताबिश हसन ने बताया कि मेरे गांव का बूथ सलैया में जाने के कारण बहुत कम लोग दूरी के कारण वोट करने के लिए सलैया जाया करते थे।

इस बार गांव में ही मतदान हो रहा है जिससे हम लोग काफी खुश है। महिला मतदाताओं ने दैनिक जागरण को बताया कि नई नवेली दुल्हन और पहली बार वोट करने वाले मतदाताओं में काफी खुशी है।

उन्होंने बताया कि इसके पूर्व विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा या पंचायत चुनाव ठीक चुनाव के एक दिन पहले मतदान केंद्र मध्य विद्यालय सलैया के लिए स्थानांतरित कर दिया जाता था।

इस बार गांव स्थित स्कूल में मतदान होने से मतदाता के चेहरे खिले हुए है। शत- प्रतिशत मतदाता इस बार वोट करेंगे। उन्होंने बताया कि यह गांव तीन और से नदी से घिरा हुआ है। आने जाने की कोई सुविधा नहीं है।

बताते चले कि इन गांवों में जाने के लिए मोरहर, जोगनी और सुखाड़ी नदी को पर कर जाना पड़ता है। केवलडीह, हेरहंज और पथरा की दूरी झारखंड राज्य के पलामू जिला अंतर्गत मनातू थाना क्षेत्र के बौरा शरीफ से महज आधा किलोमीटर की है।

बिहार और झारखंड की सीमा पर बसे इन तीनों गांवों में आजादी के बाद से अबतक विकास के नाम पर सिर्फ एक स्कूल बना हुआ है।
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