शासन की योजनाओं में की गई गड़बड़ी के कारण ऐसा कदम उठाया गया।
जागरण संवाददाता, भदोही। शासन ने भदोही की जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव को भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर बर्खास्त कर दिया है। उनके स्तर से 2008 से 12 के बीच श्रावस्ती जिले में शासन की योजनाओं में की गई गड़बड़ी के कारण ऐसा कदम उठाया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वैसे श्रावस्ती ही नहीं जिन जिलों में मीना श्रीवास्तव को तैनाती मिली वहां कोई न कोई गड़बड़ी सामने आई और विवादों में घिरी रहीं। हालांकि भदोही में वह सात जून 2018 को जुलाई 19 तक प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी थीं। इसके एक साल पहले से वह समाज कल्याण अधिकारी विकास के पद पर थी। 2020 में यहां से उनका ट्रांसफर चंदौली जिले में हो गया था।
वहां वृद्धा पेंशन और छात्रवृत्ति में अनियमितता की शिकायतें आईं थीं, जांच भी हुई लेकिन कुछ सामने नहीं आया था। आरोप लगे थे कि बजट के बाद भी तीन सौ वृद्धा पेंशन छह महीने लेट की गई। अगले छह माह में जो पेंशन का जो बजट आया उसमें नई तीन सौ पेंशन छह महीने के लिए लेट की गई। यानि तीन सौ पेंशन का पैसा इधर-उधर हुआ था।
वहीं छात्रवृत्ति की शिकायत यह रही कि एक दर्जन से ज्यादा इंटर कालेज, डिग्री कालेजों के छात्रों की छात्रवृत्ति का आवेदन ही अग्रसारित नहीं किए गए। इनकी जाे जांच हुई उसमें भी जांच अधिकारियाें पर आरोप लगे पर पुन: जांच नहीं की गई। पर डीएम की रिपोर्ट पर इन्हें वाराणसी कार्यालय अटैच कर दिया गया था। इसके बाद इन्हें 2024 में भदोही जिले में तैनाती मिली। तब से यह यहां कार्य कर रही हैं।
इनके पुराने रिकार्डो के आधार पर हर कार्यों पर नजर रखी गई थी। प्रदेश के चर्चित जिला समाज कल्याण अधिकारियों में इनकी गिनती होती रही है। अब शासन स्तर पर हुई कार्रवाई के बाद से ही अन्य अधिकारियों के साथ उनका नाम चर्चा में बना हुआ है। |