12वीं के बाद भी पढ़ाई करना चाहती थी युवती पिता के दबाव बनाने पर छोड़ा घर (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक बालिग हुई युवती को आश्वासन दिया है कि यदि उसे घर में पढ़ाई का उचित माहौल नहीं मिला तो वह अन्यत्र व्यवस्था कराएंगे। यह आश्वासन कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भोपाल के बजरिया क्षेत्र में पिता के साथ रहने वाली युवती 12वीं के बाद आगे पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन पिता उसे अनुमति नहीं दे रहे थे और उसकी शादी का दबाव बना रहे थे। इससे परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया और इंदौर चली गई। वहां उसने एक निजी कंपनी में नौकरी की और सिविल सर्विस की तैयारी के लिए को¨चग में दाखिला ले लिया।
कब घर छोड़कर गई थी युवती
युवती जनवरी 2025 में घर छोड़कर गई थी। तब उसकी उम्र साढ़े सत्रह वर्ष थी। उसके परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन महीनों तक कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद पिता ने जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। पुलिस ने करीब 10 महीने बाद युवती को इंदौर से बरामद किया और पांच नवंबर को कोर्ट में पेश किया।
हाई कोर्ट में युवती ने कहा कि उसके पिता उसे स्कूल और को¨चग जाने पर प्रताडि़त करते थे। इस कारण वह घर छोड़कर चली गई थी। युवती के गायब होने के बाद पिता अपने अन्य तीन बच्चों की भी पढ़ाई छुड़वाकर पत्नी के साथ वापस बिहार अपने गांव चला गया था।
न्यायालय का निर्देश
न्यायालय ने निर्देश दिया कि वह चार-पांच दिन अपने अभिभावक के साथ रहकर माहौल का आकलन करे। यदि स्थिति संतोषजनक नहीं रही तो कलेक्टर को आदेश दिया जाएगा कि वह उसकी पढ़ाई की व्यवस्था करें। न्यायालय ने 12 नवंबर को फिर सुनवाई के लिए बुलाया है।
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