कराहल तहसील कार्यालय का वीडियो हुआ वायरल (फोटो: स्क्रीनग्रैब)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक ओर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव हर महीने समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से लोगों की समस्याओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनकर तत्काल निराकरण के निर्देश देते हैं।
वहीं श्योपुर कलेक्टर अर्पित वर्मा भी हर मंगलवार को तीन-चार घंटे तक जनसुनवाई कर आमजन की तकलीफें गंभीरता से सुनते हैं, लेकिन इसी जिले में कराहल तहसील कार्यालय पर शनिवार को ऐसा दृश्य सामने आया जिसने प्रशासनिक संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गाड़ी में बैठकर निकल गईं तहसीलदार
अपनी पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जे से परेशान विकलांग आदिवासी महिला सावित्री बाई अपने बेटे की बहू के साथ तहसील पहुंची और तहसीलदार रोशनी शेख के पैरों पर गिरकर न्याय की गुहार लगाई। महिला का आरोप है कि शिकायत किए आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इंटरनेट पर बहुप्रसारित वीडियो में सावित्री बाई तहसीलदार से रोते हुए कहती दिख रही हैं, मैडम, हमारी जमीन बचा लीजिए, नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगी। महिलाओं का कहना है कि तहसीलदार ने ठोस आश्वासन देने के बजाय गाड़ी में बैठकर कार्यालय से निकलना उचित समझा। यह रवैया उस समय सवालों के घेरे में है जब राज्य शासन और जिला प्रशासन दोनों ही जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
तहसीलदार ने अब संबंधित राजस्व निरीक्षक व पटवारी को जांच के निर्देश दिए हैं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अगर तहसील स्तर पर ऐसी बेरुखी रही तो समाधान ऑनलाइन और जनसुनवाई जैसे कार्यक्रमों का असर जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच पाएगा। इस मामले को लेकर कलेक्टर अर्पित वर्मा ने संज्ञान लिया है। तहसीलदार से जवाब तलब किया है। |