नीरज, शिवहर। शिवहर विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होना है। प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान परवान पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव की सभा हो चुकी है। इन सबके बीच इस बार भी विधानसभा चुनाव में राजनीति मुद्दों से भटक गई है। विकास पर बात नहीं हो रही है। वोट मैनेजर की भूमिका वाले नेता भी जातीय गणित को हवा दे रहे हैं। हर ओर जातिवाद का शोर दिख रहा है। शिवहर की महिलाएं भले ही एकजुट दिख रही हैं, लेकिन पुरुष मतदाता अब भी जातिवाद में जकड़े हैं। भाजपा के वोट बैंक माने जाने वाले दो जाति वर्ग के प्रत्याशी अलग-अलग दल से मैदान में हैं, जबकि छोटे दल और निर्दलीय प्रत्याशी भी जातिवाद के सहारे प्रचार को गति दे रहे हैं। अब देखना होगा कि चुनाव में जातिवाद को हवा मिलती है या जातिवाद की हवा बनाने वाले नेताओं की हवा निकलती है।
अधिसूचना जारी होने के पहले से क्यों चर्चा में आई शिवहर सीट? शिवहर सीट विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले से ही सुर्खियों में आ गई। टिकट लेने और दूसरों का कटवाने के लिए शह और मात का खेल जारी रहा। इन सबके बीच पूर्व सांसद आनंद की एक न चली। सांसद लवली आनंद भी बेटे चेतन आनंद का टिकट शिवहर से कन्फर्म नहीं करा सकीं। आखिरकार चेतन आनंद को औरंगाबाद के नवीनगर जाना पड़ा।
किस पार्टी ने किसे दी टिकट? इसके बाद चर्चित चेहरे शिवहर से जदयू से टिकट लेने के कतार में लगे रहे। चेतन का टिकट कटने के बाद उनकी जगह दो बार विधायक रहे जदयू नेता मो. शरफुद्दीन का टिकट तय था, लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने डॉ. श्वेता गुप्ता को प्रत्याशी घोषित कर दिया। लिहाजा पूर्व विधायक मो. शरफुद्दीन बागी बन गए और बसपा के टिकट पर मैदान में उतर गए हैं।
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इन सबके बीच जन सुराज प्रत्याशी नीरज सिंह और निर्दलीय अनीश झा भी चुनौती देते दिख रहे हैं। यहां राजद ने ब्राह्मण समाज से आने वाले नवनीत कुमार को प्रत्याशी बनाया है। नवनीत के पास महागठबंधन के वोट बैंक, जबकि जनसुराज ने राजपूत समाज के नीरज को मैदान में उतारा है। ब्राह्मण समाज से ही अनीश झा मैदान में हैं। वहीं, जदयू ने वैश्य समाज से आने वाली डा. श्वेता को प्रत्याशी बनाया है। शिवहर विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर होती दिख रही है।
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