Bihar Chunav: पहले चरण में कैसे हो गया इतना मतदान? दीपंकर भट्टाचार्य ने बताए तीन कारण

Chikheang 2025-11-9 22:07:15 views 782
  

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य। जागरण आर्काइव  



राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Assembly Elections : भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जनता के मुद्दों पर महागठबंधन ने चुनाव लड़ा और पूरे बिहार में बदलाव की स्पष्ट लहर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

गैस सिलेंडर के दाम में कमी, 200 यूनिट बिजली फ्री, कर्ज के बोझ से महिलाओं को मुक्ति, किसानों को सुरक्षा, कानून का शासन और हमने जो संकल्प पत्र जारी किया था, उसपर काम हो सके, उसको केंद्र करते हुए हमने चुनाव प्रचार संचालित किया।
दूसरे चरण में टूटेगा रिकार्ड

दीपंकर ने कहा कि दूसरे चरण में मतदान के रिकार्ड टूटेंगे, जो पहले चरण के चुनाव 65.08 प्रतिशत रिकार्ड मतदान के बने है। यह बिहार के लिए ऐतिहासिक है।

इसको लेकर काफी लोग सोच रहे हैं कि यह कैसे हो गया? हमें जो समझ में आया, वह यह है कि सरकार बदलने की चाहत है, सत्ता-विरोधी लहर है। जब-जब लोग बदलाव चाहते हैं तो वह वोटों में दिखता है।

दूसरा कारण एसआइआर ने एक काम किया, वोट के मामले में लोगों की जागरूकता को बढ़ा दिया। लोगों को लगा कि वोट छीनने की साजिश के खिलाफ रक्षा करनी होगी।

गरीबों, प्रवासियों, मुस्लिमों में काफी उत्साह व जागरूकता दिखी। बावजूद इसके, कई लोगों के वोटर लिस्ट में नाम नहीं पाए गए।

तीसरा कारण, जो आंकड़ों का गणित है, वह यह है कि 47 लाख वोटर कम हो गए, तो जब इलेक्टोरल वोट कम हो गया तो परसेंटेज अधिक दिखेगा।

फर्जी वोटिंग का डटकर लोगों ने मुकाबला किया। इसी कारण कई जगह तनाव दिखा, मतदाताओं और उम्मीदवारों पर हमले हुए।
एनडीए नेताओं की भाषा धमकी वाली

एनडीए के नेताओं की जो भाषा सुनाई पड़ी -पीएम नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ या फिर ललन सिंह और अनंत सिंह की। वह धमकी देने की भाषा थी।

बिजली काट देंगे, घर से निकलने नहीं देंगे जैसी भाषा क्यों? यदि विकास इतना हुआ था, तो प्रधानमंत्री अंडरवर्ल्ड की भाषा में बात क्यों कर रहे थे? यह खतरनाक संकेत है।
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