सरधना के सेंट जेवियर्स स्कूल में संगीतमय प्रस्तुति देते हुए सारंगी वादक फारूख लतीफ खान व तबला वादक अनुराग झा। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। स्पिक मैके की भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय शृंखला के तहत गुरुवार को जिले के दो विद्यालयों के विद्यार्थियों को सारंगी और तबले की जुगलबंदी में भारतीय शास्त्रीय संगीत की मिठास चखने का मौका मिला। जाने-माने सारंगी वादक फारूक लतीफ खान और उनके साथ तबले पर साथ देते हुए कलाकार अनुराग झा के संगीत वाद्य से निकली धुनों ने नई पीढ़ी के मन के तार छेड़ दिए। राग वसंत मल्हार ने मन मस्तिष्क को आनंदित किया तो वंदे मातरम् और कजरी ने भारतीय संस्कृति में व्याप्त संगीतमयी धरोहर से युवा पीढ़ी का परिचय कराते हुए इसे बचाने में आगे आने का आह्वान भी किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्पिक मैके के यह कार्यक्रम मवाना रोड स्थित ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल और सरधना के सेंट जेवियर्स स्कूल में हुए। सारंगी वादक फारूक लतीफ खान ने विद्यार्थियों को बताया कि सात सुरों से ही हर तरह के संगीत की उत्पत्ति हुई है। इस धरोहर को बचाए रखने में सभी को योगदान देना चाहिए। ट्रांसलेम एकेडमी में दीवान पब्लिक स्कूल के निदेशक एचएम राउत, प्रधानाचार्य धीरज कुमार आर्या व उप-प्रधानाचार्य एसपी तिवारी ने कलाकारों का स्वागत किया। सेंट जेवियर्स में स्कूल के निदेशक प्रीतिश कुमार सिंह, प्रबंध शालविक जैन व शिवानी जैन और प्रधानाचार्य डा. रोहित मेहरा ने कलाकारों का अभिनंदन किया। कार्यक्रमों के आयोजन का समन्वय सुचेता सहगल ने किया।
पंडित दिनकर, उस्ताद गुलाम अली के साथ सुर मिला चुके हैं फारूक : फारूक लतीफ खान ने अपने संगीत जीवन में अनेक प्रतिष्ठित गायकों और तबला वादकों के साथ संगत की है। उन्होंने पंडित दिनकर काइकिणी, उस्ताद रशीद खान, विदूषी शुभा मुद्गल, विदूषी अश्विनी भिडे देशपांडे, विदूषी आरती अंलिकलकर टिकेकर, कौशिकी चक्रवर्ती जैसी विख्यात गायिकाओं के साथ काम किया है। प्रसिद्ध तबला वादकों, पंडित स्वपन चौधरी, पंडित नयन घोष, पंडित सुरेश तलवलकर, पंडित अनिंदो चटर्जी, पंडित कुमार बोस, पंडित योगेश सामसी, पंडित विजय घाटे आदि के साथ भी प्रस्तुति दी है।
उन्होंने गजल गायकों में उस्ताद गुलाम अली, ए. हरिहरन, उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन आदि के साथ भी संगत की है। उनका पहला एकल प्रदर्शन वर्ष 1993 में साउथ सेंट्रल जोन कल्चरल सेंटर जलगांव में हुआ था। विदेशों में भी प्रतिष्ठित संगीत उत्सवों में जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका), नैरोबी (केन्या), पेरिस (फ्रांस), ताइपे (ताइवान), दुबई, जार्डन और श्रीलंका आदि में शामिल रहे हैं। उनके संगीत एल्बम ‘यंगस्टर’ को अग्रणी संगीत कंपनियों ने किया है, जिसमें म्यूजिशियंस गिल्ड भी शामिल है। आकाशवाणी ने उन्हें टाप ग्रेड आर्टिस्ट के रूप में सम्मानित किया है। उनका जन्म 1975 में भोपाल में हुआ था। वह मध्य प्रदेश में ग्वालियर के निकट गोहद के प्रसिद्ध सारंगी वादकों के पांचवीं पीढ़ी के उत्तराधिकारी हैं।
पीएम के समक्ष प्रस्तुति दे चुके हैं अनुराग झा : अनुराग झा ने प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के मंडी हाउस स्थित श्रीराम भारतीय कला केंद्र से प्राप्त की। यहां उन्होंने फर्रुखाबाद घराने के सुप्रसिद्ध तबला वादक पंडित वीरेन्द्र मालवीय के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उन्होंने पंडित निर्मल मंडल और प्रशांत त्रिवेदी (जो तालयोगी पंडित सुरेश तलवलकर के शिष्य हैं) से भी मार्गदर्शन लिया। वर्तमान में वह पद्मश्री तालयोगी पंडित सुरेश तलवलकर के सानिध्य में शिक्षा ले रहे हैं। उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से डिप्लोमा कोर्स किया है। प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से संगीत प्रभाकर की उपाधि ली। उन्होंने राजघाट में पीएम नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में गांधी जयंती कार्यक्रम में प्रस्तुति दी है। |