यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी। मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापकों पर अब विभाग सख्ती बरतने जा रहा है। शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के निदेशक (मध्याह्न भोजन योजना) विनायक मिश्र ने सभी जिलों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि यदि किसी भी प्रधानाध्यापक द्वारा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर गलत प्रविष्टि की जाती है, तो संबंधित से स्पष्टीकरण प्राप्त कर की गई कार्रवाई की प्रति अगले कार्य दिवस तक निदेशालय को भेजना सुनिश्चित किया जाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निदेशक ने बताया कि प्रतिदिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पोर्टल पर बंद विद्यालयों की स्थिति की समीक्षा की जाती है। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कई विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना संचालित होने के बावजूद कुछ प्रधानाध्यापक पोर्टल पर उसे बाधित दर्शा देते हैं।
यह रिपोर्ट भारत सरकार के पोर्टल पर स्वतः प्रेषित होती है, जिससे राज्य में बाधित विद्यालयों की संख्या वास्तविकता से अधिक प्रदर्शित होती है। निदेशक ने इसे जिला स्तर पर अनुश्रवण की कमी और कार्य में शिथिलता का परिणाम बताया।
उन्होंने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस पर विशेष निगरानी रखें और यदि किसी भी विद्यालय में ऐसी त्रुटि पाई जाती है तो तत्काल संबंधित प्रधानाध्यापक से जवाब-तलब करते हुए कार्रवाई करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्याह्न भोजन योजना बच्चों के पोषण और विद्यालय उपस्थिति से सीधे जुड़ा संवेदनशील कार्यक्रम है, ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही सरकार की साख और आंकड़ों की सटीकता दोनों पर प्रश्नचिह्न लगाती है।
इस संबंध में डीपीओ (मध्याह्न भोजन), सीतामढ़ी मनीष कुमार ने बताया कि निदेशक के निर्देशों के अनुपालन में सभी प्रखंड साधनसेवियों को विद्यालय स्तर पर सघन मानिटरिंग का आदेश दिया गया है।
किसी भी विद्यालय द्वारा गलत प्रविष्टि पाए जाने पर संबंधित प्रधानाध्यापक से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाएगी। |