जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण ने आवासीय और औद्योगिक सेक्टर को गति देने के बाद अब संस्थागत सेक्टर के विकास के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। आवंटियों से निर्माण और संस्थान को क्रियाशील करने के समयबद्ध जानकारी मांगी गई है। संस्थागत श्रेणी में आवंटित कुछ भूखंडों पर निर्माण शुरू भी हो चुका है। इसमें विश्वविद्यालय से लेकर प्रोफेशनल कोर्स कराने वाले संस्थान शामिल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में गतिविधियों में इजाफे के लिए यीडा सिटी संस्थागत गतिविधियों की भी अहम भूमिका होगी। इसलिए प्राधिकरण ने संस्थानों के निर्माण के लिए पहल की है। यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 17 ए में मिनी एसडीजेड योजना के तहत 13 शैक्षिक संस्थाओं को भूखंड आवंटित किए थे, इसमें केवल दो विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं।
संस्थागत श्रेणी के सेक्टर 22 ई में भी दो सौ से अधिक भूखंडों का आवंटन किया गया है, लेकिन आज तक एक भी संस्थान 22 ई में क्रियाशील नहीं हुआ है। यही स्थिति आवासीय सेक्टरों में आवंटित हुए संस्थागत भूखंडों की है। इसमें एक भी संस्थान अभी तक क्रियाशील नहीं हुआ है।
आवासीय सेक्टरों में रहने वालों को शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थान, उपचार के लिए अस्पताल आदि की जरूरत होगी। इसके न होने से शहर का विकास प्रभावित होगा। इसलिए प्राधिकरण ने संस्थागत सेक्टरों के विकास के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
यीडा के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि संस्थागत श्रेणी के आवंटियों को पत्र भेजकर कार्ययोजना मांगी गई है। उन्हें समयबद्ध कार्य योजना में यह बताने को कहा है कि वह भूखंड पर निर्माण कब तक करेंगे और संस्थान को कब तक क्रियाशील कर देंगे। जिन आवंटित भूखंडों के सापेक्ष निर्माण की तय अवधि पूरी हो चुकी है, उन्हें भी कार्य कराकर जल्द से जल्द क्रियाशील प्रमाण पत्र लेने को निर्देश दिए गए हैं।
नर्सिंग कॉलेज व विश्वविद्यालय के भवन का हो रहा निर्माण
सेक्टर 21 ए में एक नर्सिंग कॉलेज का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अगले सत्र में क्रियाशील होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त सेक्टरर 22 ई में एक प्राइवेट विश्वविद्यालय के भवन का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। सेक्टर में आवंटित करीब पंद्रह प्रतिशत भूखंडों पर निर्माण हो रहा है। |