रिलायंस रियल्टी मामले में एनसीएलटी ने मुंबई बेंच द्वारा पारित पूर्व आदेश को बरकरार रखा है।
नई दिल्ली। मशहूर कारोबारी अनिल अंबानी के लिए एक और बुरी खबर आई है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLT) ने कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशंस की सहायक कंपनी रिलायंस रियल्टी द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें इंडिपेंडेंट टीवी से किराये और संपत्ति की वसूली की मांग की गई थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने एनसीएलटी की मुंबई बेंच द्वारा पारित पूर्व आदेश को बरकरार रखा, जिसने रिलायंस रियल्टी की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधिकरण ने कहा कि इंडिपेंडेंट टीवी (जिसे पहले रिलायंस बिग टीवी के नाम से जाना जाता था) का लिक्विडेशन प्रोसेस समयबद्ध तरीके से और कम समय में जारी रहना चाहिए।
NCLT ने और क्या कहा
बेंच ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया को अपीलकर्ता (रिलायंस रियल्टी) द्वारा बाधित नहीं किया जाना चाहिए, जिसने बिना किसी ठोस कारण के पट्टे पर दिए गए परिसर में स्थित परिसंपत्तियों के स्वामित्व के मुद्दे को कभी नहीं उठाया।
एनसीएलएटी ने कहा, “हमें उस आदेश में कोई कमी नहीं दिखती, जिसमें लिक्विडेटर को पट्टे पर दिए गए परिसर में पड़ी कॉर्पोरेट देनदार की सभी चल संपत्तियों को हटाने की अनुमति दी गई है और अपीलकर्ता को लिक्विडेटर और सफल बिडर को इन चल संपत्तियों तक पहुंचने से रोकने से रोका गया है।“
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NCLT का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित धन शोधन मामले में नवी मुंबई के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 4,462.81 करोड़ रुपये मूल्य की 132 एकड़ जमीन, पाली हिल (जिसे अंबानी परिवार का निवास माना जाता है) और नई दिल्ली में रिलायंस सेंटर तथा कई अन्य संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस द्वारा जुटाए पब्लिक फंड के कथित डायवर्जन और मनी लॉन्ड्रिंग का है। |